फौज में एक कहावत है कि ‘लाॅजिस्टिक्स आपके आपरेशन की लिमिट को डिसाइड करता है।’ सशस्त्र बलों के जवानों ने अपने लिए पर्याप्त ईंधन और भोजन की व्यवस्था कर ली है। खासकर, सर्दियों के दौरान सीमापार से आने वाले किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयारी की गई है।
माइनस तापमान में अहम भूमिका निभाता है ईंधन
ईंधन के टैंकर पूर्वी लद्दाख में आगे के लिए रवाना हुए। हांड़ कंपा देने वाली ठंड और लगभग माइनस 70 डिग्री तक गिरने वाले पारे में ईंधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस वक्त 16 टैंकर लगे हैं और इनको भर कर आगे सप्लाई किया जाता है। इनमें ईंधन, ल्युब्रीकैन्ट है। देश के सबसे बड़े ऑयल डिपो में इसकी गिनती होती है।
जवानों को चुस्त-दुरुस्त रखता है रेडी टू यूज राशन
ईंधन के अलावा पौष्टिक राशन को भी सर्दियों के लिए स्टाॅक कर लिया गया है। सेना के गोदाम राशन से भरे हुए हैं। रेडी टू यूज राशन विशेष रूप से सर्दियों को दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शारीरिक रूप से जवानों को चुस्त-दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी साबित होता है। तीन प्रकार के राशन गोदामों में जमा किये गए हैं, जिनमें फ्रेश, ड्राई और रेडी टू यूज राशन है। यह राशन बेस्ट क्वालिटी का है और अफसरों और जवानों, सब लोगों के लिए समान है। सर्दियों के आने से पहले यहां पर स्टाकिंग की जा चुकी है। यह राशन न सिर्फ जवानों के लिए बल्कि डाॅग स्क्वायड या बीस्ट आॅफ बर्डन के लिए भी यह राशन इस्तेमाल किया जाता है।
तीन लेयर की है जैकेट
सबसे बड़ा डिपो 14 कोर में हमारे पास पर्याप्त गोलाबारूद और विशेष पर्वतारोहण उपकरण मौजूद है। जैकेट तीन लेयर की है, जोकि ठंड में बर्फ में इस्तेमोल की जाती है। इसकी खासियत यह है कि यह बर्फ के अंदर अच्छा कैमोफ्लाॅज देती है और दुश्मन की निगाहों से हमें दूर रखती है।
