दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज 29 वां दिन है . कड़ाके की सर्दी के बीच किसान और जवान बॉर्डर पर डटे हुए है , जहां इतनी सर्दी में किसान प्रदर्शन कर रहे है , तो वहीं जवान ड्यूटी कर रहे है और सभी को सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे है . किसानों का अभी भी साफ कहना है कि जब तक बिल वापसी नहीं होगा तब तक इससे ही बैठे रहेंगे .
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नए कृषि कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है और वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं . हालांकि मोर्चा की ओर से सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार अगर साफ नीयत से बातचीत को आगे बढ़ाना चाहे तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं .
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ( Farmers Protest ) को देश के तमाम राज्यों के किसानों का समर्थन मिल चुका है . केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कार वापसी की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं . सरकार कानून कुछ संशोधन के तैयार है , मगर कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है . किसानों के आंदोलन को आज 29 वां दिन है . बुधवार को किसानों ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था .
बुधवार को किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो टूक कहा कि उनका आंदोलन और तेज होगा . किसानों ने कहा कि वे बातचीत को तैयार हैं लेकिन सरकार खुले मन से बात करे , ‘ तथाकथित किसानों ‘ से बात कर फूट न डाले . यहां किसान नेताओं की ओर से यह भी कहा गया कि अन्य राज्यों में प्रदर्शन तो चल रहे हैं लेकिन इतनी मजबूत ढंग से नहीं , वहां भी आंदोलन को तेज करने को कहा जाएगा .
