कृषि से जुड़े विधेयक को पारित कराना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है, लोकसभा में पारित होने के बाद राज्य सभा में आंकड़े सरकार को चिंता में डाल दिया है, आंकड़े जुटाने के लिए सरकार के बड़े मंत्री जुट गए हैं, सरकार ने इसके लिए अपने सासंदों के लिए बाकायदा व्हिप जारी किया है,बस विपक्ष का समर्थन मिल जाएं, सरकार इस तैयारी में जुट गई है।
कृषि विधेयक को लोकसभा में पारित करने के बाद अब राज्य सभा की बारी है, यहां से इस बिल को पास कराना सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है, सरकार के पुराने सहियोगी अकाली दल का इस बिल का विरोध करना सरकार के लिए सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
अब यह बिल राज्यसभा में आएगा, सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि वह इस बिल को हर हाल में पारित करवा लें।
जिसके लिए सरकार हर तरफ से मोर्चाबंदी करने में जुट गई है, बीजेपी ने अपने सासंदों के लिए व्हिप जारी किया है, इसके साथ विपक्षी दलों का इस बिल पर समर्थन पाने के लिए सरकार के बड़े मंत्री जुट गए हैं, इसके लिए वो बातचीत में लग गए हैं।
राजनाथ सिंह ने पुराने सहियोगी शिवसेना और एनसीपी से बात की
जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना और एनसीपी से इस बिल पर समर्थन पाने के लिए बातचीत की है,और बिल के समर्थन में आने के लिए अपील की है, सरकार के पास उच्च सदन राज्यसभा में में बहुमत नहीं है, महत्त्वपूर्ण बिधेयक पास कराने के लिए उसे विपक्ष पर आश्रित होना पड़ता है।
राज्यसभा के आंकड़े
इन विधेयकों को लेकर सरकार आश्वस्त है कि वो आसानी से इन्हें पास करा ले जाएगी . हालांकि सरकार के सामने बड़ी चुनौती है . इन विधेयकों के समर्थन में खड़ी पार्टियाों के राजसभा के अंकगणित पर ध्यान दें तो 245 सदस्यों की राज्यसभा में बीजेपी 86 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है . हालांकि मौजूदा समय में 2 स्थान रिक्त हैं . ऐसे में राज्यसभा में इन तीनों बिलों को पास कराने के लिए सरकार को कम से कम 122 वोट की जरूरत पड़ेगी .
सरकार की तरफ से तैयारी
विधेयक के विरोध में राज्यसभा में अभी 86 सांसदों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी जबकि 40 सदस्यों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है . शिरोमणि अकाली दल के तीन राज्यसभा सांसद निश्चित रूप से बिल के विरोध में वोट करेंगे . आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य , समाजवादी पार्टी के आठ सांसद , बीएसपी के चार सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे . बिल का विरोध कर रहे दलों का आकलन करने पर राज्यसभा में 100 सांसदों के कृषि विधेयकों के विरोध में वोट करने का अनुमान है . हालांकि , कुछ छोटे दलों ने अपना रुख साफ नहीं किया है . इन पार्टियों के राज्यसभा में करीब दर्जनभर सांसद हैं . 15 अन्य सांसद पहले से ही सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं . 10 सांगत पिछले हफ्ते से कोरोना पॉज़िटिव हैं . राज्यसभा में भले सरकार के पास बहुमत नहीं है लेकिन विपक्ष में फूट का फायदा मोदी सरकार को मिलेगा ये तय है।
