हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले में आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है । अदालत इस मामले में दायर अलग – अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगा । फिलहाल मामले की एसआईटी जांच चल रही है । इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत में हलफनामा दाखिल किया है । इसमें अदालत से मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने और अदालत द्वारा इसकी निगरानी किए जाने की मांग की है । अदालत ने बताया है कि संभावित दंगों के कारण प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को रात में शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था । इसके अलावा सरकार ने दावा किया है कि हाथरस मामले के बहाने राज्य में दंगा कराने की साजिश रची गई थी ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए सरकार निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है । सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में हाथरस में कथित गैंगरेप और मौत मामेल की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए । सरकार ने आगे बताया कि कानून – व्यवस्था कायम रखने और हिंसा से बचने के लिए रात में पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किया गया । यूपी सरकार के इस हलफनामे में राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों को जाति विभाजन के प्रयास के लिए दोषी ठहराया गया है । इसके अलावा , यूपी सरकार ने अपने हलफनामे के प्वाइंट 10 में बताया है कि और किन वजहों से रात में ही पीड़िता का अंतिम संस्कार किया । हलफनामे के मुताबिक , उत्तर प्रदेश सरकार ने रात के ढाई बजे पीड़िता के शव को जलाने के संदर्भ में बाबरी मस्जिद केस की वजह से जिलों को हाई अलर्ट पर रखने और कोरोना की वजह से भीड़ न इकट्ठा होनेदेने का भी जिक्र किया है । इसमें कहा गया है कि अयोध्या – बाबरी केस में फैसले की संवेदनशीलता और कोरोना के मद्देनजर परिवार की मंजूरी से पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया ।
बता दें कि दिल्ली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे और कुछ वकीलों ने यह याचिका दाखिल की है । याचिका में कहा गया है कि यूपी में मामले की जांच और ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो पाएगी । गौरतलब है कि हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार और पुलिस के एक्शन पर सवाल उठने लगे थे , जिसके बाद यूपी सरकार ने सोमवार को यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था । याचिका में उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए हैं । पुलिस के विपक्षी नेताओं के साथ टकराव और रात 2.30 बजे पीड़िता के शव के अंतिम संस्कार किए जाने का जिक्र याचिका में किया गया है । याचिका में हाथरस केस के ट्रायल को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की गई है । याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यूपी में मामले की जांच और सुनवाई निष्पक्ष नहीं हो पाएगी । इसलिए इसे दिल्ली ट्रांसफर किया जाए ।
