आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मात्र छह महीने ही बचें है और फिर शुरू हो जाएगा उत्तर प्रदेश विधानसभा का महासंग्राम लेकिन इस महासंग्राम के बीच पार्टियों के सामने समाज और विभिन्न जातियों को अपने साथ लाकर विधानसभा चुनाव में अपना परचम लहराना है जिसके लिए अभी से वो लोगों को साधने की कोशिश में जुट गए हैं लेकिन शुक्रवार को वाराणसी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लोगों पार्टी मुखिया ओमप्रकाश राजभर का पूतला फूंका क्योंकि उन्होंने बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी की मजार पर सजदा कर दिया है लोगों का कहना है कि यदि ओम प्रकाश राजभर समाज की बस्तियों में आएंगे तो ईंट-पत्थर मार कर उन्हें भगा दिया जाएगा। महाराजा सुहलदेव राजभर का अपमान करने वाले नेता कभी भी राजभर समाज के नेता नहीं हो सकते हैं।इस दौरान उन्होंने ओवैसी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की और कहा कि ये दोनों देशद्रोही है।
शुक्रवार को वाराणसी में सर्किट हाउस के समीप राजभर समाज के युवकों ने सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को समाज का दुश्मन बताया और कहा कि ओम प्रकाश राजभर ने ऐसी गलती की है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है उन्होंने कहा कि महाराजा सुहलदेव के नाम की कसमें खाने वाले ओम प्रकाश राजभर आखिरकार देश को लूटने वाले गाजी की मजार पर सजदा करने कैसे चले गए। अब वह राजभर समाज के लोगों के बीच कौन सा मुंह लेकर आएंगे। क्या राजभर समाज ने उन्हें इसीलिए नेता बनाया था। महाराजा सुहलेदव का अपमान करने वाले को राजभर समाज बड़ा सबक सिखाएगा। गौरतलब है कि गाजी की मजार पर जाने के प्रकरण को लेकर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने भी गुरुवार को ही घोषणा की थी कि ओम प्रकाश राजभर को अब पूर्वांचल में राजभर समाज की किसी भी बस्ती में घुसने नहीं दिया जाएगा।
क्या है मामला
गुरुवार को बहराइच में AIMIM के पार्टी कार्यालय के उद्घाटन के बाद AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर सालार महमूद गाजी की मजार पर जियारत करने गए थे जिससे राजभर समाज के लोगों में बहुत गुस्सा फैल गया जैसे ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि ओमप्रकाश राजभर ने ऐसा किया है तो सभी में आक्रोश व्याप्त हो गया। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने भी ओम प्रकाश राजभर को सवालों के घेरे में खड़ा किया।
सालार मसूद गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने मारा था
रिसर्च पेपर के मुताबिक बहराइच की लड़ाई में सुहेलदेव ने 21 पासी राजाओं का गठबंधन बनाकर सैयद सालार मसूद गाजी को युद्ध में शिकस्त दी। इन राजाओं में बहराइच, श्रावस्ती के साथ ही लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ व बाराबंकी के राजा भी शामिल थे। हिंदू संगठनों के दावे के मुताबिक 1033 ईसवी में मसूद गाजी और सुहेलदेव की सेनाओं में भीषण जंग हुई। इस युद्ध में मसूद मरणासन्न अवस्था में पहुंच गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
