झारखंड सरकार ने जल स्रोतों के किनारे छठ पूजा पर रोक लगाने का अपना पुराना फैसला मंगलवार को जन दबाव और विपक्ष की तीखी आलोचना के बाद वापस ले लिया । मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस सिलसिले में 15 नवंबर की रात्रि जारी दिशा निर्देशों में बदलाव कर दिया गया है । राज्य सरकार के मंगलवार को लिए गए निर्णय के बाद अब राज्य में नदियों तालाबों , बांध और झील आदि का इस्तेमाल छठ महापर्व के लिए किया जा सकेगा । विज्ञप्ति में बताया गया है कि आज शाम मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्यों की बैठक हुई ।
सीएम सोरेन ने कहा कि आपदा विभाग ने छठ को लेकर जो गाइड लाइन जारी किया था , उसे भारत सरकार के आदेश के अनुसार और प्रधानमंत्री के वचनों के अनुसार जारी किया गया था । पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि जबतक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं । दो गज की दूरी जरूरी । मेरी भी कोशिश अपने राज्य के लोगों की सुरक्षा ही है । अभी संक्रमण गया नहीं है । इसके बाद भी लोगों की जनभावना को देखते हुए नदी तालाब जलाशयों के किनारे छठ पर्व मनाने की इजाजत दी जा रही है । सोरेन ने कहा कि सरकार की कोशिश होगी कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग , मास्क आदि के साथ छठ पर्व मनाएं । उन्होंने यह भी कहा कि हो सके तो घर में ही छठ मनाइये । कई सालों से हजारों लोग अपने घरों में ही छठ मनाते रहे हैं । इस समय महामारी है तो घर पर छठ मनाने में हर्ज नहीं है । कोरोना की अभी कोई दवाई नहीं है । इसलिए बचाव जरूरी है ।
