नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को कैबिनेट फेरबदल में देश के उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल से रक्षा मंत्रालय का कार्यभार वापस ले लिया है । इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि माना जा रहा है कि यह कदम पड़ोसी देश भारत के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश के तहत उठाया गया है । बता दें कि पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के संबंधों में खटास आई हुई है ।
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने बुधवार को कैबिनेट में फेरबदल करते हुए अपने सबसे भरोसेमंद और देश के उप – प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरियाल को रक्षा मंत्री के पद से हटा दिया है । ओली के इस कदम को भारत के साथ संबंध को बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत जोड़कर देखा जा रहा है । पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने यह बात बताई । रक्षामंत्री के तौर पर ईश्वर पोखरियाल पीएम ओली के मंत्रिमंडल में भारत के सबसे बड़े आलोचकों में से रहे हैं । नेपाल के पीएम ओली की तरफ से रक्षा मंत्रालय का भार छीनकर खुद अपने पास रखने का यह कदम उन्होंने ऐसे वक्त पर उठाया है जब भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे 3 नवंबर को नेपाल के दौरे पर जा रहे हैं । पोखरियाल प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े रहे हैं जिसे नेपाली मीडिया की मानें तो इसका प्रभावी मतलब ये हुआ कि वे बिना पोर्टफोलियो के मंत्री रहेंगे । इस साल मई के महीने में जनरल नरवणे ने तिब्बत में कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों के लिए बनाए गए 80 किलोमीटर लंबे लिपुलेख मार्ग को लेकर नेपाल की प्रतिक्रिया के पीछे चीन का हाथ बताया था । ईश्वर पोखरियाल ने गोरखा सैनिकों को उकसाने की मांग की थी जो दशकों से भारतीय सेना का अभिन्न अंग रहे हैं ।पोखरेल ने कहा था , ‘ जनरल नरवणे की टिप्पणी ने नेपाली गोरखा सेना के जवानों की भावनाओं को आहत कया है , जो भारत की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं । ‘ उन्होंने यह दावा किया था कि भारतीय सेना में शामिल गोरखा सैनिक जनरल नरवणे की टिप्पणी के बाद अपने वरिष्ठों का सम्मान नहीं करेंगे । इसके अलावा मंत्री ने कई अन्य आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थीं ।पोखरेल के अपने सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा के साथ भी संबंध ठीक नहीं है ।
जनरल थापा ने लिपुलेख पर मंत्री का साथ देने से उस समय मना कर दिया था जब मंत्री चाहते थे कि वे इसपर बयान जारी करें । काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल थापा कोविड -19 से लड़ने के लिए चिकित्सा उपकरणों की खरीद पर सशस्त्र बलों को इसमें खींचे जाने से नाराज थे ।राष्ट्रपति विद्या भंडारी जो कि इससे पहले रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं , उन्होंने सेना को विवाद में घसीटने और सेना पर मनगढंत आरोप लगाने वाले मंत्री को हटाए जाने के लिए लगातार दबाव बनाया था । यह एक महज संयोग है कि जिस दिन भारतीय थल सेना अध्यक्ष के नेपाल दौरे की सार्वजनिक घोषणा की गई उसी दिन अचानक पीएम ओली ने रक्षा मंत्री से उनका मंत्रालय छीन लिया । भारतीय सेना प्रमुख के नेपाल दौरे तक ओली ही रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले हैं ।
‘ जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी ‘ की मानद रैंक देकर सम्मानित करेगी
जनरल एमएम नरवणे नवंबर के पहले हफ्ते में नेपाल का दौरा करेंगे । इस उच्चस्तरीय दौरे के दौरान नेपाल सरकार जनरल नरवणे को ‘ जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी ‘ की मानद रैंक देकर सम्मानित करेगी । दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों की पहचान के तौर पर दिया जाने वाला यह परंपरागत सम्मान एक समारोह में नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को देंगी । बता दें कि इस सम्मान की शुरुआत 1950 में की गई थी । भारत भी नेपाल सेना प्रमुख को ‘ जनरल ऑफ इंडियन आर्मी ‘ की मानद रैंक देकर सम्मानित करता रहा है ।
