25 जनवरी (INDSAMACHAR): सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के प्रतिद्वंद्वी गुट ने रविवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को संसद के निचले सदन को भंग करने के अपने फैसले के बाद बढ़ती राजनीतिक अशांति के बीच पार्टी से निकाल दिया। । प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रवक्ता नारायणजी श्रेष्ठ के अनुसार, पीएम ओली अब पार्टी के सदस्य नहीं हैं।
पिछले एक साल से लगातार अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को एक तानाशाह की तरह अहमियत देते रहे नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को आखिरकार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया । इसके संकेत शुक्रवार को ही मिल गए थे , जब एनसीपी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘ प्रचंड ‘ ने ओली के खिलाफ एक जबरदस्त रैली की थी और संसद भंग करने के ओली के एकतरफा फैसले को संविधान विरोधी करार देते हुए ओली को लोकतंत्र के खिलाफ काम करने वाला करार दिया था ।
जानकारी के अनुसार किसी (निजी सूत्रों) ने बताया कि “आज की सेंट्रल कमेटी की बैठक जो पेरिस डांडा में हुई, उसमें केपी शर्मा ओली को पार्टी से निकालने का फैसला किया गया। वह अब नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की साधारण सदस्यता भी नहीं रखते हैं।” पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पा कमल दहल और माधव कुमार नेपाल के नेतृत्व एक निर्णय लिया गया और उन्होंने ओली से जवाब मांगा कि उन्हें असंवैधानिक निर्णय लेने के लिए पार्टी से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए।