एलएसी पर जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस . जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है . एक ऑनलाइन सम्मेलन ‘ ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम ‘ के दौरान चीन के साथ चल रही बातचीत के नतीजे के बारे में खास तौर पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा , ” मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं . मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं . “
गुरुवार को कि भारत विदेश मंत्री एस . जयशंकर ने कहा और चीन सीमा गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है । एक ऑनलाइन सम्मेलन के दौरान चीन के साथ चल रही वार्ता के नतीजे के बारे में विशेष तौर पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा , ” चर्चा चल रही है और यह कार्य प्रगति पर है । ” जब ‘ ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक फोरम ‘ में उनसे सीमा की स्पष्ट स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा , ” वार्ता चल रही है और यह दोनों देशों के बीच की गोपनीय बात है । ” उन्होंने कहा , ” मैं सार्वजनिक रूप से बहुत ज्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं । मैं निश्चित रूप से इसके लिए पहले से कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता हूं । “जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एलएसी ) के साथ एक सैन्य टुकड़ी का निर्माण हुआ है और कई मायनों में इसकी कोई पूर्वता नहीं है । बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से सैन्य गतिरोध चल रहा है , जिसे हल करने के लिए दोनों पक्षों में वार्ताओं के दौर जारी हैं । सीमा पर वर्तमान स्थिति के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा , ‘ दोनों पक्षों में वार्ताएं हो रही हैं , ‘ जो चल रहा है वह हमारे और चीन के बीच गोपनीय जैसा है । मैं इस पर पहले से कोई निर्णय नहीं लेना चाहता हूं । मेरे काम करने का पहला नियम यह है कि जो अभी चल रहा है , उस बारे में पहले कुछ भी नहीं कहें । ‘ , वहीं , वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान गतिविधियों के साथ तिब्बत में स्थिति के बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्री ने कहा , मैं नहीं समझता कि हमें ऐसे मुद्दों पर जाना चाहिए जो साफ तौर पर कहें तो लद्दाख में चल रही वर्तमान स्थिति से कोई वास्ता नहीं रखते हैं ।तिब्बत की स्थिति के साथ – साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एलएसी ) के घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा , ” मुझे नहीं लगता कि हमें अन्य मुद्दों पर विचार करना चाहिए , जिनका स्पष्ट रूप से लद्दाख में वर्तमान स्थिति से कोई लेना – देना नहीं है . ” उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर 1993 से कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हुआ .जयशंकर ने कहा कि यदि शांति के माहौल को सुनिश्चित नहीं किया गया और जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये , यदि उनका पालन नहीं किया गया तो यह ” व्यवधान ” का प्राथमिक कारण है । गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में लगभग पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध चल रहा है ।
