राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , एआईसीटीई और एआईयू के सहयोग से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कामधेनु पीठ स्थापित करने के बारे में एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया ।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने इस अवधारणा को प्रस्तुत करते हुए देश के सभी कुलपतियों और कॉलेज प्रमुखों से प्रत्येक विश्वविद्यालय और कॉलेज में कामधेनु पीठ स्थापित करने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि हमें देशी गायों के कृषि , स्वास्थ्य , सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व के बारे में युवाओं को शिक्षित करने की जरूरत है । सरकार ने अब गायों और पंचगव्य की क्षमता का पता लगाने की शुरुआत की है , इसलिए स्वदेशी गायों और हमारी शिक्षा प्रणाली से संबंधित विज्ञान को सामने लाने के लिए मंच उपलब्ध कराए जाने के साथ – साथ आधुनिक वैज्ञानिक एवं प्रक्रिया जन्य दृष्टिकोण के साथ ऊपर दर्शाए गए लाभों के बारे में अनुसंधान को बढ़ावा देने की जरूरत है ।
शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कामधेनु पीठ स्थापित करने की पहल की सराहना की । उन्होंने कहा कि हमारा समाज गाय के अनेक लाभों से समृद्ध रहा है , लेकिन विदेशी शासकों के प्रभाव के कारण हम इसे भूल गए हैं । उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम इस पहल का समर्थन करें । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय कामधेनु पीठ शुरू कर देंगे तो अन्य विश्वविद्यालय भी इसका अनुसरण करेंगे । उत्पादों के रूप में अनुसंधान और प्रयोगात्मक कार्यान्वयन का प्रदर्शन करने की जरूरत है । विशेष रूप से यह कार्य समयबद्ध रूप से सटीक वैज्ञानिक डेटा के साथ आर्थिक रूप से प्रस्तुत करने की जरूरत है । श्री धोत्रे ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए डॉक्टर वल्लभभाई कथीरिया के प्रयासों की सराहना की ।
