नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी ) भारत और म्यांमार की नशीली दवाओं के दुरुपयोग नियंत्रण की केन्द्रीय समिति के बीच ड्रग नियंत्रण सहयोग के बारे में पांचवीं भारत- म्यांमार द्विपक्षीय बैठक का 10 दिसंबर , 2020 को वर्चुअल रूप से आयोजन किया गया । नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का और म्यांमार के शिष्टमंडल का नेतृत्व ड्रग प्रवर्तन प्रभाग ( डीईडी ) एवं ड्रग दुरुपयोग नियंत्रण की केन्द्रीय समिति के संयुक्त सचिव पॉल . ब्रिगेडियर जनरल विंग नंग ने किया ।
एनसीबी के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने विशेष रूप से हेरोइन और एमफेटामाइन टाइप स्टिमुलेंट्स ( एटीएस ) की तस्करी से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला । श्री अस्थाना ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में नशीली दवाओं का अधिक दुरुपयोग व्याप्त होने से भारत से लगती म्यांमार सीमा भारत के लिए चिंता का एक मुख्य कारण बन गई है । भारत – म्यांमार सीमा में सेंध के अलावा , बंगाल की खाड़ी में समुद्री मार्ग से हो रही नशीली दवाओं की तस्करी दोनों देशों के लिए एक चुनौती के रूप में उभरी है । एनसीबी इस क्षेत्र में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए म्यांमार के साथ जानकारी और सहायता साझा करने के मौजूदा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है ।
दोनों देशों ने ड्रग जब्ती के मामलों , नए नशीले ( साइकोट्रापिक ) पदार्थों और इनकी अगुवाई करने वालों के खिलाफ अनुवर्ती जांच – पड़ताल करने के लिए समयबद्ध रूप से खुफिया जानकारी के आदान प्रदान पर सहमति व्यक्त की । उन्होंने नशीली दवाओं के कानूनों को लागू करने के बारे में मौजूदा सहयोग को मजबूत बनाने के लिए फ्रंट लाइन अधिकारियों के मध्य नियमित आधार पर सीमा स्तर के अधिकारियों और फील्ड स्तर के अधिकारियों की बैठकें आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की । दोनों पक्षों ने भारत म्यांमार सीमाओं पर नशीली दवाओं की तस्करी के लिए गैर – कानूनी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर सूचना का आदान – प्रदान करने तथा नशीले दवाओं की तस्करी रोकने के लिए प्रयोग की जा रही प्रौद्योगिकी के बारे में भी जानकारी का आदान – प्रदान करने का निर्णय लिया ।
