प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने वियतनामी समकक्ष ग्यूयेन तन जूंग के साथ 17 वें भारत – आसियान शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की । वर्चुअल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक , भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है ।
मोदी ने कहा कि आसियान हमेशा हमारी ‘ एक्ट ईस्ट पॉलिसी ‘ का मूल रहा है । उन्होंने कहा कि भारत की हिंद प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद – प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं । ऑनलाइन माध्यम से हो रहे इस शिखर सम्मेलन में सभी 10 आशियान सदस्य देशों के नेता भाग ले रहे हैं ।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच भौतिक , आर्थिक , सामाजिक , डिजिटल , वित्तीय और समुद्री संबंधों को मजबूत करना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है । पिछले कुछ सालों में इन क्षेत्रों में हम करीब आए हैं और यह सम्मेलन दूरियों को और कम करने का काम करेगा ।
दक्षिणपूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान को क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली समूह माना जाता है तथा भारत , चीन , जापान और आस्ट्रेलिया इसके संवाद साझेदार हैं । यह शिखर बैठक उस वक्त हुई है जब दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में चीन का आक्रामक व्यवहार देखने को मिल रहा है । कई आसियान देशों का दक्षिणी चीन सागर में चीन के साथ सीमा विवाद है । प्रधानमंत्री मोदी ने इस 17 वें आसियान – भारत शिखर की बैठक की वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ सह – अध्यक्षता की ।
आसियान में इंडोनेशिया , मलेशिया , फिलीपीन , सिंगापुर , थाईलैंड , ब्रुनेई , वियतनाम , लाओस , म्यामां और कंबोडिया शामिल हैं । प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल नवंबर में बैंकॉक में हुई 16 वीं आसियान – भारत शिखर बैठक में शामिल हुए थे ।
