देश में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भारतीय रेलवे कई परियोजनाओं को शुरू कर रही है। दुनिया में सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए रेलवे इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है और वर्ष 2030 से पहले ‘जीरो कार्बन उत्सर्जक’ बनने की दिशा में बढ़ रही है। भारतीय रेल व्यापक विद्युतीकरण, जल और कागज संरक्षण, पटरियों पर जानवरों को घायल होने से बचाने से जुड़े कदमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति मददगार साबित हो रही है।
2014 के बाद रेल विद्युतीकरण लगभग 10 गुना बढ़ा
2014 के बाद से रेल विद्युतीकरण लगभग 10 गुना बढ़ गया है। यह पर्यावरण के अनुकूल है। विद्युतीकरण के आर्थिक लाभों को तेजी से हासिल करने के लिए रेलवे ने ब्रॉड गेज रूटों के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लिए दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत संतुलित ब्रॉड गेज (बीजी) रूट तैयार करने की योजना बनाई है।
वहीं हेड-ऑन-जनरेशन सिस्टम, जैव शौचालय और एलईडी लाइट ट्रेन को यात्रा के ऐसे बेहतर साधन में बदलते हैं, जो यात्रियों के लिए आरामदेह के साथ ही पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भी हों।
फ्रेंट कॉरिडोर्स का भी इसी के तहत हो रहा निर्माण
भारतीय रेलवे के डेडिकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर्स को दीर्घकालिक कम कार्बन रोडमैप के साथ एक कम कार्बन हरित परिवहन नेटवर्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। रेलवे दो समर्पित मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं– लुधियाना से दनकुनी (1,875 किमी) तक पूर्वी गलियारा (ईडीएफसी) और दादरी से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (1,506 किमी) तक पूर्वी गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) को तैयार कर रहा है। ईडीएफसी के सोननगर-दनकुनी (538 किमी) भाग को सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में लागू करने की योजना बनाई गई है।
हरित प्रमाणन और पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन
भारतीय रेलवे और भारतीय उद्योग परिसंघ के बीच हरित पहलों की सहूलियत के लिए जुलाई, 2016 में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। 39 कार्यशालाओं, 7 उत्पादन इकाइयों, 8 लोको शेड और एक स्टोर डिपो को ‘ग्रीनको’ प्रमाणन हासिल हो चुका है। इनमें 2 प्लेटिनम, 15 गोल्ड और 18 सिल्वर रेटिंग शामिल हैं।
19 रेलवे स्टेशनों ने भी 3 प्लेटिनम, 6 गोल्ड और 6 सिल्वर रेटिंग के साथ हरित प्रमाणन हासिल कर लिया है। रेलवे के 27 अन्य भवन, कार्यालय, परिसर और अन्य प्रतिष्ठानों को भी 15 प्लेटिनम, 9 गोल्ड और 2 सिल्वर रेटिंग सहित हरित प्रमाणन मिल चुका है।
इसके अलावा, पिछले दो साल में 600 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए आईएसओ: 14,001 के कार्यान्वयन के लिए प्रमाणित किया जा चुका है। कुल 718 स्टेशनों की आईएसओ : 14,001 के लिए पहचान की गई है।
