भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने का आदेश जारी किया है । बता दें कि भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हमले को देखते हुए यह फैसला लिया गया है । इससे पहले गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को समन भेजकर तलब किया और अब तीन आईपीएस अधिकारियों को बंगाल से दिल्ली बुला लिया गया है ।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस कदम से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार और दो दिन पहले जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच चल रही खींचतान के और बढ़ने की संभावना है । एमएचए के एक अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल कैडर से जुड़े तीन भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए बुलाया गया है । अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय सभी भारतीय सेवा अधिकारियों को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत लिया गया है । आमतौर पर किसी भी भारतीय सेवा अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा देने से पहले राज्य सरकार की सहमति ली जाती है ।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 14 दिसंबर को पेश होने को कहा था । वहीं , समन भेजे जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगबबूला हो गई हैं । ममता का कहना है कि गृह मंत्रालय के समन पर डीजीपी और मुख्य सचिव दिल्ली नहीं जाएंगे ।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के बयान को लेकर उन पर तीखा वार किया था । उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री को संविधान का पालन करना होगा । वह उससे अलग नहीं जा सकती हैं । राज्य की कानून – व्यवस्था लगातार खराब हो रही है । उन्होंने हमले की घटनाओं को लोकतंत्र पर धब्बा बताया था । धनखड़ ने कहा था , ” हमले की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है । यह हमारे लोकतांत्रिक ताने – बाने पर एक धब्बा हैं । ” उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी को जे पी नड्डा के काफिले पर हमले के संबंध में दिए गए अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए । राज्यपाल धनखड़ ने गुरुवार को भी हमले पर चिंता व्यक्त की और कहा था कि राज्य प्रशासन उनकी चेतावनियों के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहा ।
