ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए देश की फर्टिलाइजर कंपनियां 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करेंगी। उर्वरक और रसायन राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को सार्वजनिक और निजी दोनों उर्वरक कंपनियों के साथ ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की।
प्रतिदिन 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन की होगी आपूर्ति
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा कि गया है कि बुधवार को इफको (आईएपएफसीओ) जैसी फर्टिलाइजर कंपनियों ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में प्रतिदिन 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की बात कही है। इफको, गुजरात राज्य उर्वरक और रसायन (जीएसएफसी), गुजरात नर्मदा घाटी उर्वरक और रसायन (जीएनएफसी) और अन्य उर्वरक कंपनियां ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ा रही है।
दरअसल पत्तन, पोत परिवहन और राजमार्ग और रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और साथ ही सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों के साथ, उनके संयंत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन की संभावना का पता लगाने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
वहीं उर्वरक कंपनियों ने राज्य मंत्री की पहल का स्वागत किया और देश में कोविड-19 की स्थिति से लड़ने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में शामिल होने के लिए तत्परता से दिलचस्पी दिखाई। बैठक के परिणाम के मुताबिक;
इफको गुजरात की अपनी कलोल इकाई में 200 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक ऑक्सीजन संयंत्र लगा रहा है और उनकी कुल क्षमता 33,000 क्यूबिक मीटर प्रति दिन होगी।
जीएसएफसी ने अपने संयंत्रों में छोटे संशोधन किए और तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की।
जीएनएफसी ने वायु पृथक्करण इकाई शुरू करने के बाद चिकित्सा प्रयोजन के लिए तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शुरू कर दी है।
जीएसएफएस और जीएनएफसी ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।
अन्य उर्वरक कंपनियां सीएसआर फंडिंग के माध्यम से देश के चुनिंदा स्थानों पर अस्पतालों/संयंत्रों में चिकित्सा संयंत्र स्थापित करेंगी।