प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम वियतनाम के प्रधानमंत्री नुएन युआन फुक के साथ वर्चुअल माध्यम से शिखर सम्मेलन में भाग लिया । दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की संपूर्ण समीक्षा की और द्विपक्षीय हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की । इस दौरान व्यापक द्विपक्षीय , क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर तथा महामारी के बाद आर्थिक सुधार पर विचार किया गया ।
अपने आरम्भिक संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ और हिंद – प्रशान्त दृष्टिकोण का प्रमुख सहयोगी है । उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध तेजी से बढ़ने के साथ ही व्यापक हो रहे हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि वियतनाम के साथ दूरगामी कूटनीतिक संबंध बनाने का विचार रखता है । उन्होंने कहा कि भारत वियतनाम सहयोग क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाये रखने में योगदान करेगा । मोदी ने कहा कि दोनों देशों का लक्ष्य हिन्द्र प्रशांत क्षेत्र में शांति , स्थिरता और समृद्धि स्थापित करने का लक्ष्य है । प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य बनेंगे और वैश्विक परिदृश्य में इससे सहयोग और सुदृढ़ होगा । उन्होंने कहा कि दोनों देश 2021 23 संयुक्त दृष्टिकोण परिपत्र लागू करेंगे जो कि विपक्षीय संबंधों की कार्य योजना प्रस्तुत करेगा । बाढ़ और श्री मोदी ने मध्य वियतनाम में भूस्खलन से हुए जान माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और आशा व्यक्त कि की भारत सभी संभव सहायता भेजेगा ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और वियतनाम ने सात नये समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं । इनमें – रक्षा , वैज्ञानिक अनुसंधान , परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा , पेट्रो केम्किल्स तथा कैंसर उपचार जैसे अन्य विषय भी शामिल हैं । बाद में विदेश मंत्रालय में पूर्वी देश मामले की सचिव रीवा गांगुली दास ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दोनो ही प्रधानमंत्रियों में ने शांति , खुशहाली और लोगों के लिए संयुक्त दृष्टिकोण को मंजूरी दी । उन्होंने कहा कि भारत की 15 लाख डॉलर की अनुदान सहायता से पूरी हुई सात विकास परियोजनाएं इस वर्चुअल शिखर बैठक में वियतनाम के हवाले की गई ।
उन्होंने कहा कि दोनों ही प्रधानमंत्रियों ने साइबर , जहाजरानी क्षेत्र , आतंकवाद , प्राकृतिक आपदा , स्वास्थ्य सुरक्षा , जल सुरक्षा और देशो की सीमाओ पर अपराधिक गतिविधियों जैसे- पारम्परिक और गैर पारम्परिक खतरों से निपटने के लिए एक – दूसरे के साथ सहयोग पर भी चर्चा की । रीवा गांगुली दास ने कहा कि वियतनाम ने विस्तृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग का जोरदार समर्थन किया । उन्होंने कहा कि भारत वियतनाम स्थित तीन और एतिहासिक धरोहरों का संरक्षण करेगा । रीवा गांगुली दास ने कहा कि भारत और वियतनाम ने कोविड -19 महामारी के बाद के दिनों में इसके निदान के लिए सभी प्रकार के सहयोग को बनाए रखने का निश्चय किया है ।
