पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीन ने दुख जाहिर किया है। पड़ोसी देश ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया और यह दोनों देशों की दोस्ती के लिए बड़ा नुकसान है। पूर्व राष्ट्रपति का सोमवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। चीन के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों ने भी प्रणब दा के निधन पर दुख जताते हुए उनके योगदान को याद किया।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ”प्रणब मुखर्जी भारत के अनुभवी राजनेता थे। अपने 50 साल की राजनीति में उन्होंने भारत-चीन रिश्तों को लेकर सकारात्मक योगदान दिया। यह भारत के लिए और भारत-चीन दोस्ती के लिए बड़ा नुकसान है। हम उनके निधन पर शोक प्रकट करते हैं और अपनी संवेदनाएं जाहिर करते हैं।”
बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें एक ”सच्चा मित्र बताते हुए देश के 1971 मुक्ति संग्राम में उनके ‘उल्लेखनीय और न भूलने वाले योगदान को याद किया।” हामिद ने मुखर्जी को बांग्लादेश का ”सच्चा और ईमानदार मित्र बताते हुए कहा, ”उनके निधन से उपमहाद्वीप के राजनीतिक राजनीतिक क्षेत्र को एक अपूरणीय क्षति हुई है।” उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने बांग्लादेश के 1971 मुक्ति संग्राम के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हसीना ने कहा, मैं भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से बहुत दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरे विचार और प्रार्थनाएं परिवार के सदस्यों के साथ हैं।”
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल के अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ ने भी मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया। राष्ट्रपति भंडारी ने ट्वीट किया, ”नेपाल ने एक अच्छा दोस्त खो दिया।”
ओली ने ट्वीट किया, ”मैं भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर से बहुत दुखी हूं।” उन्होंने भारत के लोगों और शोक संतप्त परिवार के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की। ओली ने कहा, हम उनके सार्वजनिक जीवन के कार्यकाल में नेपाल-भारत संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को याद करते हैं। प्रचंड ने कहा कि दक्षिण एशिया ने एक बौद्धिक नेता खो दिया है।
श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भी मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने भी मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह और अफगान नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी ट्वीट करके मुखर्जी के निधन पर दुख जताया।
भारत के सर्वाधिक सम्मानित राजनेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई। इसके अलावा वे कोरोना संक्रमित भी पाए गए थे। चिकित्सकों ने कहा कि सोमवार शाम साढ़े चार बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
सोर्स – लाइव एच
