पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता र जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है । वो बीते कई वर्षों से कोमा में ये और जिंदगी की जंग लड़ रहे थे । भाजपा को मजबूत करने में भी उनका खासा योगदान था।पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं समेत अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वे राजनीति और समाज को लेकर अपने अलग तरह के राजनीति के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।3 जनवटी 1938 को बाड़मेर जिले के जसोल गांव में जन्में जसवंत सिंह अपनी बातचीत की शैली और अपने ड्रेस के लिए खासा चर्चित थे । वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदे er , रक्षा और वित्त जैसे तीनों अहम विभागों के भी मंत्री थे । इसके अलावा उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था । वो भाजपा के उन गिने – चुने नेताओं में से थे जो आरएसएस की पृष्ठभूमि से नहीं आते थे ।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश , रक्षा और वित्त मंत्रालय संभालने वाले जसवंत सिंह का आज सुबह निधन हो गया . वह कोमा में जाने तक राजनीति में पूरी तरह से एक्टिव रहे . जसवंत न सिर्फ मंत्री रहे बल्कि संकट के समय ढाल बनकर सामने भी आए . 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के विमान IC – 814 को आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था . आतंकी विमान को पहले अमृतसर , फिर लाहौर उसके बाद दुबई और आखिर में कंधार ले गए थे . यात्रियों को बचाने के लिए वाजपेयी सरकार को तीन आतंकी छोड़ने पड़े थे . इन तीन आतंकियों को लेकर जसवंत सिंह ही कंधार गए थे .विमान 25 से 31 दिसंबर तक अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर था , जहां उस वक्त तालिबान सरकार का राज था . इस दौरान अतंकियों ने रूपेन कत्याल नामक युवा को मार दिया और अन्य कुछ यात्रियों को घायल कर दिया था . सरकार को यात्रियों की रिहाई के बदले आतंकी मसूद अजहर , मुश्ताक जरगर और उमर शेख को छोड़ना पड़ा था . आतंकियों और यात्रियों की अदला – बदली जसवंत सिंह के नेतृत्व में कंधार एयरपोर्ट पर ही हुई थी . हालांकि इसके बाद जसवंत सिंह काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था ।
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