बिहार के मुंगेर ( Munger Police Firing ) जिले में देवी मां की प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की थी । इस पर जिले की तत्कालीन पुलिस कप्तान SP लिपि सिंह ( Lipi Singh ) ने झूठ बोला था । जी हां , हम ये बात किसी दावे के आधार पर नहीं बल्कि एक ऐसी रिपोर्ट को सामने रखकर कह रहे हैं जो CISF की है । इस रिपोर्ट में साफ लिखा है कि भीड़ को हटाने के लिए सबसे पहले मुंगेर पुलिस ने हवा में गोलियां ( Report on Munger Firing ) चलाई थीं ।
झूठा निकला प्रशासन का दावा सीआईएसएफ की रिपोर्ट आने के साथ ही मुंगेर प्रशासन का वह दावा झूठा निकला जिसमें भीड़ की ओर से फायरिंग करने की बात कही गई थी . बता दें , सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक युवक की मौत हो गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे . स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में 20 साल के युवक की मौत हो गई थी . दूसरी ओर , इस बारे में मुंगेर के डीएम राजेश मीणा ने कहा था कि भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से युवक मारा गया था . एसपी लिपि सिंह ने कहा था , कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पथराव किया , जिसमें 20 जवान घायल हो गए . भीड़ की तरफ से गोलीबारी भी की गई जिसमें दुर्भाग्य से एक व्यक्ति की मौत हो गई . इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सुरक्षाकर्मियों को विसर्जन जुलूस में लोगों के एक समूह पर लाठीचार्ज करते दिखाया गया था .
लिपि सिंह ने कहा था कि पुलिस ने फायरिंग नहीं
एसपी लिपि सिंह ने 27 अक्टूबर को मीडिया के कैमरे पर कहा था कि भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने फायरिंग की थी । लिपि सिंह के मुताबिक विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रतिमा को तेजी से विसर्जन करने का पुलिस की ओर से बार – बार अनुरोध किया जा रहा था । इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी । असामाजिक तत्वों की गोली से एक युवक की मौत हुई , वहीं कई लोग घायल हो गए । इस घटना में सात थानाध्यक्ष समेत 20 पुलिसकर्मी भी घायल हुए । खुद सुनिए
