पाकिस्तान आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए भूमिगत सुरंगों का इस्तेमाल कर रहा है। यह बात जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कही है। उन्होंने रविवार को कहा कि पाकिस्तान भूमिगत सुरंगों के साथ-साथ हथियार गिराने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल कर रहा है।हालांकि, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए घुसपैठ रोधी ग्रिड सक्रिय है और सुरंग को उजागर करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि हाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास गलार गांव में 170 मीटर की सुरंग का पता लगाया गया था। इस सुरंग का निरीक्षण करने के बाद सांबा जिले में सिंह ने संवाददाताओं से बात की।इस सुरंग की गहराई 20-25 फुट है और यह पाकिस्तान की तरफ से बनाई गई थी। बीएसएफ की एक टीम ने 28 अगस्त को इसका पता लगाया। डीजीपी ने कहा, मैंने सुरंग का निरीक्षण किया। यह चनयारी में 2013-14 में पता लगाई गई सुरंग की तरह ही है। नगरोटा मुठभेड़ के बाद हमें गुप्त सूचना मिली थी कि सुरंग के जरिए घुसपैठ की गई और हम इसकी तलाश में थे।
इस साल जनवरी में नगरोटा में मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए थे। उन्होंने कहा, जांच चल रही है लेकिन संकेत हैं कि पाकिस्तान ने घुसपैठियों को पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया। उन्होंने ऐसी और सुरंगों के होने की भी आशंका को खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ तथा पुलिसकर्मी ऐसी और सुरंगों को उजागर करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
