बहुचर्चित फाइटर जेट राफेल की तैनाती अब पश्चिम बंगाल के खड़गपुर स्थित कलाइकुंडा एयर बेस पर की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के पूर्वी कमान सूत्रों ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की है। बीती 29 जुलाई को पांच राफेल विमान फ्रांस से भारत आए थे। जिन्हें भारतीय वायु सेना में शामिल करने के लिए आधिकारिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। अब दूसरी खेप अक्टूबर में भारत आ रही है। जिसमें पांच और राफेल विमान हैं। इनकी तैनाती कलाइकुंडा एयर बेस पर की जाएगी।
कलाइकुंडा एयरबेस सेमात्र दो हजार किलोमीेटर है चीन की सीमा
चीन की सीमा बेहद करीब है। राफेल की टॉप स्पीड 2222 किलोमीटर प्रति घंटा है और चीन की सीमा कलाइकुंडा से करीब 2000 किलोमीटर दूरी पर है। यानी युद्ध के हालात में सर्वश्रेष्ठ अटैक के लिए कलाइकुंडा एयर बेस पर तैनात राफेल का इस्तेमाल बेहतर रणनीति से किया जा सकता है। राफेल विमानों की 250 घंटे से भी ज्यादा की उड़ान और फील्ड फायरिंग टेस्ट पहले ही किए जा चुके हैं।
मौसम के मुताबिक किये गए बदलाव
इसके अलावा भारत ने जो राफेल विमान मंगाया है, उसमें मौसम के मुताबिक बदलाव किए गए हैं। वायु सेना के पूर्वी कमान सूत्रों ने बताया कि दक्ष पायलटों की देखरेख में कलाइकुंडा एयर बेस पर राफेल की तैनाती की जाएगी। किसी भी तरह की आपातकालीन परिस्थिति में चीन से लेकर पाकिस्तान तक उड़ान भरने के लिए सारी तैयारियां की जाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार
