बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाएगी । रविवार को कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन सेटेलाइट के जरिये पराली जलने की प्राप्त सूचनाओं के आधार पर उसी दिन मौके पर सत्यापन किया जाएगा । इसमें दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जुर्माना , सरकारी सुविधाओं , अनुदान आदि से वंचित करने के साथ ही नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी । बयान में कहा गया है कि दो एकड़ से कम रकबे के किसान या उससे संबंधित अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा पराली जलाने की घटना की तस्दीक होने पर 2500 रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा ।दो से पांच एकड़ के रकबे के लिए पांच हजार और पांच एकड़ से अधिक रकबे के लिए 15 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा । कृषि विभाग के अनुसार हर जिले में कण्ट्रोल रूम बनाये गये हैं जहां पर भी पराली जलने की सूचना दी जा सकती है ।
जनपदीय उप कृषि निदेशकों और कृषि विभाग व विकास खण्ड के कर्मचारियों तथा लेखपाल को पराली जलाने की घटना से अवगत करवाया जा सकता है ।इसके अलावा कृषि निदेशालय में एक कण्ट्रोल बनाया गया है जिसका नम्बर है – 0522-22042231 किसानों को सलाह दी गयी है कि वह फसल अवशेष कतई न जलाएं बल्कि फसल अवशेष यंत्रों से उसका प्रबंधन करें । सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा फसल अवशेषों को जलाना दण्डनीय कृत्य घोषित किया गया है ।
