केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल इनवेस्टमेंट एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड -एन.आई.आई.एफ. द्वारा प्रायोजित ऋण प्लेटफार्म में छह हजार करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की मंजूरी दी है । एन.आई.आई.एफ. निधि दो कंपनियों असीम इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड और एन.आई.आई.एफ. इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड से मिलकर बनी है । वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रोत्साहन पैकेज के तहत 12 नवम्बर को आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत जिन 12 उपायों की घोषणा की थी , यह उनमें से एक है ।
मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एन.आई.आई.एफ. इंफ्रास्ट्रक्चर डेट फाइनेंसिंग प्लेटफार्म अगले पांच वर्षों में अवसंरचना क्षेत्र को करीब एक लाख करोड़ रूपए का ऋण उपलब्ध करायेगा । मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ विलय की योजना को भी मंजूरी दी । श्री जावडेकर ने कहा कि इससे बैंक के खातेदारों पर अपनी जमा राशि की निकासी पर लगी पाबंदी दूर हो जाएगी ।
जावड़ेकर ने कहा कि विलय की प्रक्रिया तेजी से पूरा करने और लक्ष्मी विलास बैंक की समस्या के समाधान से बैंकिंग प्रणाली में सुधार होगा और बैंक के खातेदारों तथा वित्तीय प्रणाली , दोनों के हितों की रक्षा हो सकेगी । मंत्रिमंडल में ब्रिक्स देशों के बीच खेल – कूद और शारीरिक विकास के क्षेत्र में सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने के बारे में भी चर्चा की गई । ब्रिक्स के पांच देशों के बीच खेल – कूद के क्षेत्र में सहयोग से खेल – विज्ञान , खेल – औषधियों और कोचिंग तकनीकों के बारे में
जानकारी और विशेषज्ञता बढ़ाने में मदद मिलेगी । इससे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाडियों के प्रदर्शन में सुधार होगा और ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध सुदृढ़ होंगे ।
