प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की दृष्टि से भारत , दुनिया में चौथे स्थान पर है और विश्व के प्रमुख देशों के मुकाबले सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है । कल तीसरी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बैठक और प्रदर्शनी – री इन्वेस्ट -2020 का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 136 गीगा वाट है जो देश की कुल ऊर्जा क्षमता के 36 प्रतिशत के बराबर है ।
मोदी ने कहा कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में अनोखा मुकाम हासिल किया है । देश के हर नागरिक को अपनी पूर्ण क्षमता के विकास के लिए बिजली उपलब्ध हो सके , इसके लिए देशभर में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने और विद्युत नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास किये जा रहे हैं ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2017 से भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की वार्षिक वृद्धि कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता से कहीं अधिक हो गई है । उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में देश ने नवीकरणीय ऊर्जा की संस्थापित क्षमता में ढाई गुणा बढ़ोतरी की है । उन्होंने कहा कि जिस समय नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश किफायती नहीं था , तब भी भारत ने इस क्षेत्र में पैसा लगाया और इससे लागत घटी । प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि पर्यावरण के अनुकूल नीतियां , आर्थिक दृष्टि से भी अच्छी होती हैं ।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना को किसी एक मंत्रालय या विभाग तक सीमित नहीं रखा है , बल्कि यह सुनिश्चित किया है कि समूची सरकार इस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े । उन्होंने कहा कि सरकार ऊर्जा दक्षता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य कर रही है ।
मोदी ने कहा कि कारोबारी सुविधा सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए अलग से परियोजना विकास प्रकोष्ठों का गठन किया गया है ताकि निवेशकों को सुविधा मिले । उन्होंने कारोबारियों और निवेशकों को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम में शामिल होने को आमंत्रित करते हुए कहा कि अगले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए विस्तृत कार्यक्रम बनाया गया है । उन्होंने कहा कि इससे हर साल करीब 20 अरब डॉलर के कारोबारी अवसर उपलब्ध होने की संभावना है ।
