पिछले दो साल में देश के जंगल व वृक्षों के क्षेत्रफल में 5,188 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय ने सोमवार को वन स्थिति रिपोर्ट 2019 का हवाला देते हुए ट्वीट कर जानकारी दी। भारत, दुनिया के उन चंद देशों में शामिल है, जहां वन क्षेत्रफल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश में घने, मध्यम एवं खुले तीनों किस्मों के वनों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले चार साल के दौरान देश का वन क्षेत्रफल करीब 13 हजार वर्ग किमी बढ़ा है।
फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया करता है रिपोर्ट तैयार
देहरादून स्थित फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने वन स्थिति रिपोर्ट 2019 तैयार की है। प्रत्येक दो साल के बाद यह रिपोर्ट तैयार होती है। उपग्रह के जरिये इस पूरे भारत (पीओके समेत) में वनों एवं पेड़ों की मैपिंग की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार दो सालों के दौरान वन क्षेत्रफल में 3,976 किलोमीटर और वृक्षों के क्षेत्रफल में 1,212 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। बता दें कि जंगलों से बाहर स्थित पेड़ों के क्षेत्रफल की अलग से गिनती की जाती है।
मध्य प्रदेश के वन क्षेत्र में हुई बढ़ोतरी
पूरे देश के वन क्षेत्र में इजाफा हुआ है, इससे मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अति सघन वन क्षेत्र में 2437 वर्ग किलोमीटर अर्थात 2 लाख 43 हजार 700 हेक्टेयर की वृद्धि होने पर वन समितियों और वन विभाग के प्रयासों की सराहना की । उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिये बड़ी उपलब्धि है। भारतीय वन सर्वेक्षण 2019 की रिर्पाट में यह तथ्य प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2005 में प्रदेश में अति सघन वन क्षेत्र 4,239 वर्ग किलोमीटर था, जो 2019 में बढ़ कर 6,676 वर्ग किलोमीटर अर्थात 6 लाख 67 हजार 600 हेक्टेयर हो गया है।
दिल्ली की हरियाली में मामूली वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार जिन तीन राज्यों में वन सर्वाधिक बढ़े हैं, उनमें कर्नाटक (1,025 वर्ग किमी) आंध्र प्रदेश (990 वर्ग किमी) और केरल (823 वर्ग किमी) शामिल हैं। असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के राज्यों के वन क्षेत्रफल में कमी आई है। हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बिहार के वन क्षेत्र में मामूली बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान के शुष्क क्षेत्रों में भी वन क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है।
तटीय इलाकों में मैंग्रोव में इजाफा
तटीय इलाकों में मैंग्रोव क्षेत्र में भी बढ़ोतरी देखी गई है। गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिसा में इसमें बढ़ोतरी हुई है। कुल मैंग्रोव क्षेत्रफल 4,975 वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया है। इसके अलावा बांस का क्षेत्रफल बढ़ा है। मैंग्रोव ऐसे वृक्ष होते हैं, जो खारे पानी या अर्ध-खारे पानी में पाए जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश में वनों से 71.24 करोड़ टन कार्बन स्टॉक रिकार्ड किया गया है।
यहां हुई बढ़ोतरी
देश में 807276 वर्ग किलोमीटर कुल ट्री कवर है। वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार 99,278 वर्ग किमी घने वन, 3,08,472 वर्ग किमी खुले वन और 3,04,499 मध्यम घने वन हैं। नीचे कुछ राज्यों के वन क्षत्रों में हुई बढ़ोतरी दर्ज है-
राज्य कुल वन क्षेत्र(वर्ग किमी में) बढ़ा हुआ वन क्षेत्र (वर्ग किमी में)
उत्तर प्रदेश – 14806 127
बिहार – 3703 07
उत्तराखंड – 24303 08
झारखंड – 23611 58
दिल्ली – 195.44 3.03
हरियाणा – 1602 3.62
कुछ चिंता का सबब भी है
देश में जंगल का कुल क्षेत्र (फोरेस्ट कवर) बेशक बढ़ गया है, लेकिन मध्यम दर्जे का सघन वन क्षेत्र घटना और पूर्वोत्तर राज्यों में जंगलों का कम होना कोई अच्छे संकेत नहीं हैं। स्टेट ऑफ इंडिया फोरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार, देश का कुल वन आवरण (फोरेस्ट कवर) 7,12,249 वर्ग किमी है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.67 प्रतिशत है। इससे एक दशक पहले 2011 में कुल वन क्षेत्र 6,92,027 वर्ग किमी था।
एक दशक में देश का कुल वन कवर 20,222 वर्ग किलोमीटर (3 प्रतिशत) बढ़ा है। सबसे अधिक खुले वन क्षेत्र (ओपन फॉरेस्ट) में वृद्धि हुई है, लेकिन सामान्य घने वन क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। देश ने अपने भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत वन क्षेत्र का लक्ष्य रखा है, लेकिन 2019 में यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.67 प्रतिशत वन क्षेत्र कवर है, जो 2017 में 21.54 प्रतिशत था।
