लाहुल के बाशिंदों को आज असल आजादी मिल गई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल देश को समर्पित की । यह सुरंग लाहुल के लोगों सहित सेना को भी बल देगी । सेना की लेह लद्दाख में सीमा तक पहुंच आसान होगी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोटोना काल के बीच हिमाचल में एक साथ तीन कार्यक्रमों में संबोधन किया । अटल टनल के साउथ पोर्टल में अधिकारियों को संबोधित किया । इसके बाद सिस्सू और सोलंग में दो जनसभाएं की । पीएम मोदी ने आप के लिये सुधारो का के नाम पर हो रहे विरोध पर भी कांग्रेस पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कांग्रेस भी सुधार करना चाहती थी , लेकिन वोट बैंक की राजनीति से डरती थी । यह सुधार किसानों के हित में हैं । पीएम मोदी ने पूर्व कांग्रेस सरकारों को सेना की अनदेखी पर भी कोसा । मोदी ने कहा वायुसेना आधुनिक लड़ाकू विमान मांगती रही , लेकिन फाइल पर फाइल खोली गई । आयुध डिपो पर ध्यान नहीं दिया गया । तेजस को डिब्बे में बंद करने के प्रयास किए गए । सीडीएस से बेहतर समन्वय बना है । मोदी ने कहा सेना के लिए देश में हथियार बनेंगे । भारतीय संस्थानों को बढ़ावा दिया गया है व कई विदेशी कंपनियों को वैन किया गया ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का सारांश
आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है,
आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है।
इस टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी।
पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है
हमेशा से यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की मांग उठती रही है।
लेकिन लंबे समय तक हमारे यहां बॉर्डर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट या तो प्लानिंग की स्टेज से बाहर ही नहीं निकल पाए या जो निकले वो अटक गए, लटक गए, भटक गए।
साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था।
अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया।
हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था।
एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था,
अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती।
आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता।
जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है।
अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई।
नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई।
सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।
अटल टनल की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया।
लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही।
क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता
अटल जी के साथ ही एक और पुल का नाम जुड़ा है- कोसी महासेतु का।
बिहार में कोसी महासेतु का शिलान्यास भी अटल जी ने ही किया था।
2014 में सरकार में आने के बाद कोसी महासेतु का काम भी हमने तेज करवाया।
कुछ दिन पहले ही कोसी महासेतु का भी लोकार्पण किया जा चुका है।
Border Infrastructure के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है।
सड़क बनाने का काम हो, पुल बनाने का काम हो, सुरंग बनाने का काम हो, इतने बड़े स्तर पर देश में पहले कभी काम नहीं हुआ।
इसका बहुत बड़ा लाभ सामान्य जनों के साथ ही हमारे फौजी भाई-बहनों को भी हो रहा है।
हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं।
देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं।
लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया।
देश में ही आधुनिक अस्त्र-शस्त्र बने, Make In India हथियार बनें, इसके लिए बड़े रिफॉर्म्स किए गए हैं।
लंबे इंतज़ार के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अब हमारे सिस्टम का हिस्सा है।
देश की सेनाओं की आवश्यकताओं के अनुसार Procurement और Production दोनों में बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है
अटल टनल के बनने से लाहौल-स्पीति और पांगी के किसान हों, बागवानी से जुड़े लोग हों, पशुपालक हो, स्टूडेंट हों, नौकरीपेशा हों, व्यापारी-कारोबारी हों, सभी को लाभ होने वाला है।
अब लाहौल के किसानों की गोभी, आलू और मटर की फसल बर्बाद नहीं होगी बल्कि तेज़ी से मार्केट पहुंचेगी।
स्पीति घाटी में स्थित देश में बौद्ध शिक्षा के एक अहम केंद्र ताबो मठ तक दुनिया की पहुंच और सुगम होने वाली है।
यानि एक प्रकार से ये पूरा इलाका पूर्वी एशिया समेत विश्व के अनेक देशों के बौद्ध अनुयायियों के लिए भी एक बड़ा सेंटर बनने वाला है।
ये टनल इस पूरे क्षेत्र के युवाओं को रोज़गार के अनेक अवसरों से जोड़ने वाली है।
कोई होम स्टे चलाएगा, कोई गेस्ट हाउस, कोई ढाबा, कोई दुकान करेगा तो वहीं अनेक साथियों को गाइड के रूप में भी रोज़गार उपलब्ध होगा।
अब देश में नई सोच के साथ काम हो रहा है।
सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास हो रहा है।
अब योजनाएं इस आधार पर नहीं बनतीं कि कहां कितने वोट हैं।
अब प्रयास इस बात का है कि कोई भारतीय छूट ना जाए, पीछे न रह जाए।
इस बदलाव का एक बहुत बड़ा उदाहरण लाहौल-स्पीति है।
अटल टनल के साथ-साथ हिमाचल के लोगों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया गया है।
हमीरपुर में 66 मेगावॉट के धौलासिद्ध हाइड्रो प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी गई है।
इस प्रोजेक्ट से देश को बिजली तो मिलेगी ही, हिमाचल के अनेकों युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा।
पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के लगभग सवा 10 करोड़ किसान परिवारों के खाते में अब तक करीब 1 लाख करोड़ रुपए जमा किया जा चुका है।
इसमें हिमाचल के सवा 9 लाख किसान परिवारों के बैंक खाते में भी लगभग 1000 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं।
अभी तक स्थिति ये थी कि देश में अनेक सेक्टर ऐसे थे, जिनमें बहनों को काम करने की मनाही थी।
हाल में जो श्रम कानूनों में सुधार किया गया है, उनसे अब महिलाओं को भी वेतन से लेकर काम तक के वो सभी अधिकार दे दिए गए हैं, जो पुरुषों के पास पहले से हैं।
समाज और व्यवस्थाओं में सार्थक बदलाव के विरोधी जितनी भी अपने स्वार्थ की राजनीति कर लें,
ये देश रुकने वाला नहीं है।
