आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजे जाने के आदेश को चुनौती देने के लिए बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
ताहिर हुसैन ने निचली अदालत द्वारा सात सितंबर को पारित आदेश को रद्द करने तथा उन्हें तुरंत तिहाड़ जेल भेजने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश देने का अनुरोध किया है। यह याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस योगेश खन्ना के समक्ष आई और उन्होंने ताहिर हुसैन के वकील से उस फैसले को रिकॉर्ड में रखने को कहा जिसका वह जिक्र कर रहे थे। इस मामले में अब गुरुवार को सुनवाई होगी।
ईडी इस आरोप की जांच कर रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों तथा दंगों को भड़काने के लिए ताहिर हुसैन और उनके करीबी लोगों ने कथित शैल कंपनियों के जरिए करीब 1.10 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की।
हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में ताहिर ने कहा कि उन्हें ईडी ने औपचारिक रूप से 20 अगस्त को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था और 28 अगस्त को उन्हें छह दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने एक बार फिर ताहिर हुसैन की हिरासत अवधि नौ दिन बढ़ाने की मांग की तथा सात सितंबर को अदालत ने उन्हें तीन दिन की मोहलत दी तथा यह निर्देश दिया कि उन्हें दस सितंबर को तिहाड़ जेल प्रशासन को सौंप दिया जाए।
ताहिर हुसैन के वकील ने निचली अदालत के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि 15 दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि औपचारिक गिरफ्तारी की तारीख से शुरू होनी है, जो 20 अगस्त है। उन्होंने दलील दी कि पुलिस हिरासत की अवधि में और विस्तार कानूनन स्वीकार्य नहीं है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे।
इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।
सोर्स – लाइव एच
