पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर आक्रामकता दिखा रहे चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय जांबाज भी मुस्तैद हैं। चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सैनिकों और हथियारों को LAC पर पहुंचाने का सिलसिला जारी है। पहाड़ों पर दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए मशहूर स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवानों की संख्या भी सीमा पर बढ़ाई जा रही है।
इस बीच, शिमला में बेहद खास नजारा दिखा। हिमाचल और लद्दाख में LAC के लिए निकले सैनिकों का तिब्बतियों ने जोरदार स्वागत किया। उन्होंने तिब्बत के निर्वासित सरकार का झंडे के साथ हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाए। सैनिकों के वाहनों में सफेद कपड़ा बांधकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। चीन के दमन और कब्जे की वजह से भारत में दशकों से रह रहे तिब्बतियों ने सैनिकों के सम्मान में इतनी जोर से नारे लगाए कि वादियां गूंज उठीं। सड़कों के दोनों तरफ बड़ी संख्या में तिब्बती समुदाय के लोग खड़े दिखे।
चीन मई के अंत से ही लद्दाख में आक्रामक तेवर से भारत को उकसाने की कोशिश में जुटा है। भारतीय इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से बौखलाए चीन ने सीमा पर सैनिकों और हथियारों का जमावड़ा कर लिया। 15 जून को दोनों सैनिकों में हिंसक झड़प भी हुई। इसके बाद कुछ दिनों तक बातचीत का दौर चला और दोनों सेनाएं कुछ पीछे भी हटीं, लेकिन चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर पीएलए के सैनिक घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है।
सोर्स – ए एन आई
