आधुनिक युग को एक शब्द में परिभाषित करें तो डिजिटल युग कहना अनुचित नहीं होगा। ‘डिजिटल’ यानी ‘इंटरनेट’। आज हर चीज इंटरनेट से जुड़ी है। जो समय के अनुरूप डिजिटल नहीं हो रहा है, आधुनिकता के दौड़ में उसका पिछड़ना तय है।
डिजिटल इंडिया अभियान –
भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। जीडीपी के हिसाब से पाँचवीं और ‘परचेजिंग पावर पैरिटी’ ( क्रय-शक्ति समता ) के अनुसार दुनिया की तीसरी सबसे बढ़ी अर्थव्यवस्था है। समयानुसार वैश्विक प्रतिस्पर्धा व देश को विकसित करने की प्रक्रिया में अर्थव्यवस्था ,प्रशासन सहित हर सेक्टर को बढ़े स्तर डिजिटल करना जरूरी था। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आते ही सम्पूर्ण देश को डिजिटल करने का संकल्प लिया। 2015 में ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ का शुभारंभ कर प्रधानमंत्री ने अपने संकल्प को पूरा करने की ओर पहला कदम उठाया।
क्या है भारत ब्रॉड्बैन्ड नेटवर्क लिमिटेड ?
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण प्रशासन को ध्यान में रखते हुए भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) को डिजिटल इंडिया के तहत देश भर की सारी पंचायतों को हाई स्पीड रुरल ब्रॉड्बैन्ड नेटवर्क से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया। देश की 2.5 लाख पंचायतों अथवा 6 लाख से अधिक गाँव को ऑप्टिकल फ़ाइबर के द्वारा ब्लॉक मुख्यालय से जोड़ना था। जिससे इ-गवर्नन्स, इ-एजुकेशन आदि सुविधाओं का लाभ ब्रॉड्बैन्ड के माध्यम से ग्रामीण नागरिक भी ले सकें।
योजना का चरण-बद्ध क्रियान्वयन-
योजना को मुख्यतः दो चरणों में बांटा गया। पहले चरण में देश की 1 लाख 23 हजार ग्राम पंचायतों को जोड़ना था। ये काम पूरा हो चुका है। योजना के दूसरे चरण में 1 लाख 33 हजार ग्राम पंचायतों को जोड़ना है,जिसका काम अभी चल रहा है।
इन इ-सेवाओं के ज़रिए हो रहा है ग्रामीण सशक्तिकरण –
इ- गवर्नेंस सेवाओं में लाभ- जमीन के रेकॉर्ड्स, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र , आधार आधारित सेवाएं , मनरेगा आदि से संबंधित कार्य अब बेहद आसान हो गए। इसकी मदद जो भी सामाजिक और शैक्षणिक योजनायें सरकार द्वारा ग्रामीण भारत के लिए लागू की गई हैं ,उनका लाभ ग्रामीण जन ले पा रहे हैं ।
ई-एजुकेशन सेवाओं में लाभ- गांव के स्कूलों में उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की पहुँच हुई व कई सरकारी शिक्षा संबंधी अभियानों को भी मदद मिली। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा के लिए। अपने गांव से पलायन करना पड़ता था, उसमें बड़ी संख्या में कमी आयी। कई किताबें और शिक्षक जो अपने विषय में अच्छे हैं,इंटरनेट की मदद से अब गरीब विद्यार्थियों को भी सहज उपलब्ध हैं।
इ-कॉमर्स सेवाएं- बैंकिंग सेवाओं की ग्रामीण लोगों तक पहुँच हुई, जिससे ग्रामीण वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री भी संभव हुई। अब किसान,बैंकिंग सुविधाओं के निकट आने से आसानी से खाद व अन्य कृषि सम्बंधित यंत्रों के लिए लॉन ले पा रहे हैं।
रोजगार सृजन- उपरोक्त सेवाओं के संचालन के लिए बड़ी तादाद में रोजगार के मौके पैदा हुए । ऑप्टिकल फ़ाइबर बिछाने व अन्य योजना संबंधी कार्यों ने भी अनेक रोजगार सृजित किए। ऑनलाइन कामों के लिए कई केंद्र खोले गए। बैंकिंग सेवाओं के विस्तार हेतु कई लोग अस्थायी तौर पर भर्ती किये गए। कई व्यक्तियों ने ग्रामीण वस्तुओं का ऑनलाइन लेनदेन शुरू कर दिया।
डिजिटल इंडिया मिशन ने लोगों की सेवाओं तक पहुँच न सिर्फ आसान की है अपितु, तेज भी की है। इस योजना ने ग्रामीण भारत के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोले हैं।