टीवी चैनल्स में टीआरपी के लिए कथित घोटाला और फर्जी रेटिंग विवाद के बीच रेटिंग एजेंसी बार्क ( ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ) ने अगले तीन महीनों के लिए टीवी चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है । मुंबई पुलिस कमिश्नर के टीआरपीए घोटाला वाले खुलासे के बाद BARC ने अपने सिस्टम की पूरी तरह जांच करने के लिए तीन महीनों तक के लिए साप्ताहिक रेटिंग रोक दी है । एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि काउंसिल सांख्यिकीय मजबूती में सुधार के लिए माप के वर्तमान मानकों की समीक्षा करने और उन्हें बेहतर बनाने का इरादा रखती है और इस कवायद के चलते साप्ताहिक रेटिंग 12 सप्ताह तक स्थगित रहेगी । एक बयान में BARC ने कहा कि वह डेटा के मापन और रिपोर्टिंग के वर्तमान मानकों की समीक्षा जारी रखेगा ।
नैशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने इस कदम का स्वागत किया है । हालांकि NBA अध्यक्ष रजत शर्मा ने यह भी कहा कि BARC को महत्वपूर्ण फैसले करते वक्त उससे सलाह लेनी चाहिए । BARC ने प्रस्ताव दिया है कि उसकी तकनीकी समिति टीआरपी का डेटा मापने के वर्तमान सिस्टम का रिव्यू करेगी । उसे और बेहतर किया जाएगा । यह कवायद हिंदी , अंग्रेजी और बिजनस समाचार चैनलों पर तत्काल रूप से लागू की जाएगी । इसमें 8 से 12 हफ्तों का समय लग सकता है ।मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पिछले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया देशभर में अलग – अलग जगहों पर 30 हजार बैरोमीटर ( People’s Meter ) लगाए गए हैं । मुंबई में इन मीटरों को लगाने का काम हंसा नाम की संस्था ने किया था । मुंबई पुलिस का दावा है कि हंसा के कुछ पुराने वर्करों ने जिन घरों में पीपल्स मीटर लगे थे , उनमें से कई घरों में जाकर वे लोगों से कहते थे कि आप 24 घंटे अपना टीवी चालू रखिए और फलां चैनल लगाकर रखिए । इसके लिए वे लोगों को पैसे भी देते थे । मुंबई पुलिस का दावा है कि अनपढ़ लोगों के घरों में भी अंग्रेजी के चैनल को चालू करवाकर रखा जाता था ।
