जल शक्ति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत मध्यप्रदेश को पहली किस्त के रूप में 1,184.86 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। मध्य प्रदेश में सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने योग्य पाइप से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए यह धनराशि दी गई है। राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में 2023 तक नल से जल आपूर्ति की व्यवस्था करने की राज्य की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 में मध्य प्रदेश को कुल 5,116.79 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता अनुदान राशि आवंटित की गई है।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने दिया राज्य को वित्त पोषण का भरोसा
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के दौरान प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए जल जीवन मिशन के लिए पूर्ण वित्त पोषण का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि 2019-20 में, केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए 571.60 करोड़ रुपये जारी किए थे, जिसे 2020-21 में बढ़ाकर 1,280.13 करोड़ रुपये कर दिया गया।
मध्यप्रदेश 2023 में पहुंचा देगा हर घर में नल से पानी
श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ दो दौर की विस्तृत समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जल जीवन मिशन की योजना और क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा करेंगे और प्रधानमंत्री द्वारा घोषित की गई समय सीमा, 2024 तक कार्य को पूरा करने के बजाय, मध्य प्रदेश सरकार 2023 तक हर ग्रामीण घर में पानी की आपूर्ति के लिए नल से पानी का कनेक्शन सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने हर ग्रामीण घर में पीने योग्य पानी पाइप से उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वर्ष 2020-21 में, कोविड-19 महामारी के बावजूद, मध्य प्रदेश ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया और परिणामस्वरूप, 19.89 लाख ग्रामीण परिवारों को नए नल से पानी के कनेक्शन प्रदान किए।
38 लाख से अधिक घरों में पहुंच चुका है नल से पानी
मध्य प्रदेश में 1.23 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से अब 38.29 लाख (31.1 प्रतिशत) घरों में नल से पानी की आपूर्ति की जा रही है। राज्य 22 लाख और नल से जल के कनेक्शन प्रदान कर मार्च, 2022 तक आधे घरों में नल से पानी की आपूर्ति के लक्ष्य तक पहुंचने की योजना बना रहा है। राज्य 7 जिलों में 3,731 पाइप जलापूर्ति (पीडब्ल्यूएस) गांव पर भी ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहा है, जहां औसतन 150 से कम घरेलू पानी के कनेक्शन, इन गांवों को ‘हर घर जल’ वाले बना सकते हैं। वार्षिक कार्य योजना (2021-22) की चर्चा के दौरान, राज्य सरकार को और अधिक गति से काम करने की सलाह दी गई है ताकि लगभग 42 प्रतिशत वंचित गांवों में नल का पानी उपलब्ध कराया जा सके। इस कार्य को तेजी से किया जा सकता है क्योंकि इन गैर-पीडब्ल्यूएस गांवों में उपलब्ध कराए जाने वाले नलों की औसत संख्या पीडब्लूएस गांवों में उपलब्ध कराए जाने वाले शेष नलों की औसत संख्या से कम है।
कमजोर तबके को जल नल योजना से जोड़ने की दी गई सलाह
वार्षिक कार्य योजना (2021-22) की चर्चा के दौरान, राज्य को अनुसूचित जाति/जनजाति बहुसंख्यक वाली बस्तियों, जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों, सूखा प्रभावित क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों, पीवीटीजी बस्तियों आदि जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने की सलाह दी गई है।
जल जीवन मिशन के आदर्श वाक्य, ‘भागीदारी बना कर, जीवन बदल रहा’ को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार समुदाय को संगठित करने, स्थानीय समुदायों, ग्राम पंचायतों को उचित सहायता प्रदान करने, कार्यक्रम की जानकारी का प्रसार करने के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसी के रूप में गैर सरकारी संगठनों को शामिल कर रही है।
साफ पानी के लिए चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान
मध्यप्रदेश सरकार ने सभी को ‘सुरक्षित पेयजल’ की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पानी की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। वर्तमान में, मध्य प्रदेश में 155 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें से 32 को एनएबीएल मान्यता प्राप्त है। राज्य ने बैक्टीरियोलॉजिकल और रासायनिक संदूषणों को दूर करने के लिए पीने के पानी के परीक्षण पर जोर देना शुरू किया है। सरकार 2021-22 में राज्य के 51 जिलों में से 23 जिलों की प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता देने की योजना बना रहा है।