जम्मू-कश्मीर में लेफ्टनेंट गवर्नर पद ग्रहण करने के बाद पूर्व सांसद मनोज सिन्हा ने केंद्रशासित प्रदेश की जनता के लिए एक ऐसा सिस्टम लॉन्च किया है, जिसमें जनता की शिकायतों का समाधान जब तक नहीं हो जाता, तब तक सरकार उनको निरंतर मॉनीटर करेगी। इस सिस्टम कानाम है जम्मू-कश्मीर इंटीग्रेटेड ग्रीवियांस रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (JK-IGRAMS)।
यह केंद्रशासित राज्य का पहला ऑनलाइन ग्रीवियांस मैनेजमेंट सिस्टम है, जो केंद्र सरकार के साथ लिंक है। इस सिस्टम में यहां के 20 जिलों के 1500 सरकारी कार्यालयों को कनेक्ट किया जाएगा। एक तरह से देखा जाए तो भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। आगे चलकर इस वेबसाइट की पहुंच को ब्लॉक व तहसील तक बढ़ाया जाएगा। JK-IGRAMS सिस्टम का अनावरण एलजी मनोज सिन्हा ने किया।
JK-IGRAMS से जुड़ी खास बातें :
• इस सिस्टम में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और उपायुक्त के स्तर पर शिकायतें स्वीकार की जाएंगी।
• इस नए सिस्टम को उच्च स्तर पर मॉनीटर किया जाएगा।
• जनता की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए प्रत्येक जिले में एक विशेष टीम होगी।
• श्रीनगर में JK-IGRAMS का कॉल सेंटर स्थापित किया गया है, जहां पर टेलीकॉलर लोगों की शिकायतें सिस्टम में प्रविष्ट करेंगे।
• शुरुआत में इस सिस्टम में 250 कार्यालयों को इंटीग्रेट किया गया है। आगे चलकर यह संख्या 1500 के करीब हो जाएगी।
• यह सिस्टम 24 घंटे सातों दिन सक्रिय रहेगा। यानी जम्मू-कश्मीर के लोग किसी भी समय प्रशासनिक कार्यों से संबंधी शिकायत या अपनी समस्या दर्ज करा सकेंगे।
• शिकायत दर्ज करने के लिए इसके लिए मोबाइल नंबर जरूरी होगा, क्योंकि शिकायतकर्ता की पुष्टि के लिए मोबाइल पर ओटीपी भेजा जाएगा।
• वहीं कॉल सेंटर सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक फोन पर शिकायतें स्वीकार करेगा। रविवार या सार्वजनिक अवकाश को छोड़ कर।
इस मौके पर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो भी बदलाव किए जा रहे हैं, वो सभी पीपुल-सेंट्रिक यानी लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और गुड गवर्नेंस यानी अच्छे शासन को विकसित करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता की बात का हर तरह से जवाब देने और उनकी समस्याओं को सुनने व हल करने में समर्थ प्रशासन हीं एक अच्छा प्रशासन हो सकता है। और यह प्रशासनिक प्रक्रिया के प्रभावी होने का सूचक भी है। उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों में सरकार के प्रति विश्वास को मेजबूत बनाने के लिए सरकार गुड गवर्नेंस को प्राथमिकता दे रही है।
