लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय सैनिकों पर सोमवार को पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
चीनी मीडिया के प्रवक्ता ने कहा कि जब चीनी सेना की पेट्रोलिंग पार्टी भारतीय जवानों से बातचीत करने के लिए आगे बढ़ी तो उन्होंने जवाब में वॉर्निंग शॉट फायर किए। हालांकि, भारतीय सेना ने अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
इससे पहले, 1 सितंबर को भारत में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट पर फिर से एलएसी क्रॉस किया। चीनी दूतावास ने यह भी कहा था कि भारत अपने सैनिकों को नियंत्रित करे।
1967 के बाद यह पहली बार है जब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर फायरिंग की खबर सामने आई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी सूत्रों के हवाले से एलएसी पर फायरिंग होने की बात कही है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1975 में भी चीन ने एलएसी पर फायरिंग की थी, जिसमें चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
इस दशक में पहला मौका है, जब चीन की ओर से भारतीय जवानों पर चीनी सैनिकों पर फायर करने का आरोप लगाया गया है। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान भी चीनी और भारतीय जवानों की ओर से गोलियां नहीं चलाई गई थीं।
29-30 अगस्त की रात चीन की साजिशों को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक अहम चोटी पर कब्जा कर लिया। यह रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है। यहां से चीनी सैनिक कुछ मीटर की दूरी पर ही हैं।
बताया जाता है कि रविवार और सोमवार की रात चीनी सैनिकों ने इस चोटी पर कब्जे की साजिश रची थी। लेकिन, भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन बटालियन ने न सिर्फ उन्हें खदेड़ दिया, बल्कि यह पूरी चोटी अपने कब्जे में ले ली।
चीन की घुसपैठ को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन ने फिर यथास्थिति का उल्लंघन किया है। 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। हमारी सेना बातचीत के जरिए शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना जानते हैं।
चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने आरोप लगाया था कि दोनों देशों के बीच जो सहमति बनी थी, भारत उसका पालन नहीं कर रहा है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि भारत की ओर से तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उसकी तरफ से भड़काने वाली कार्रवाई हो रही है। भारतीय सैनिक लगातार एलएसी क्रॉस कर रहे हैं।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसएल नरसिम्हन बताते हैं कि भारत और चीन की सीमा से जुड़े कई अनसुलझे सवाल हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल 1962 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई। लेकिन जमीन पर अब तक उसकी हदबंदी नहीं हुई है।
यही वजह है कि दोनों देशों की सरहद को लेकर अपनी-अपनी धारणाएं हैं। इसी के चलते ऐसे इलाके पनपे हैं, जिन पर दोनों देश अपना दावा करते हैं। नतीजतन कई विवादित और संवदेनशील इलाके बन गए हैं। जब भी दोनों देशों की पैट्रोलिंग पार्टी इन विवादित इलाके में जाती है, तो झड़प हो जाती है।
सोर्स – दैनिक भास्कर
