नई दिल्ली [भारत], 24 जनवरी (INDSAMACHAR): भारत में सबसे बड़ राष्ट्रीय त्यौहार गणतंत्र दिवस को आने में सिर्फ एक ही दिन बचा हुआ है,इस दौरान वार्षिक परेड के दौरान अपनी सैन्य शक्ति प्रदर्शित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कोरोनावायरस के खतरे के बीच इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड पिछले वर्षों की तुलना में बहुत भिन्न होगी क्योंकि यह पहली बार है कि इसे चल रहे COVID-19 महामारी के बीच रखा जाएगा। गणतंत्र दिवस परेड 2021 में COVID-19 के नियमों का पालन किया जाएगा,और यह ध्यान रखा जाएगा कि सावधानियां बरतने में कोई ढिलाई ना बरती जाए।

बदलाव
1. इस साल, केवल 25,000 दर्शक ही गणतंत्र दिवस की परेड में अपनी प्रस्तुति देंगे। पिछले साल 150,000 दर्शकों को अनुमति दी गई थी। मीडियाकर्मियों की संख्या में भी 300 से 200 की कटौती की गई है।
2. दर्शक विभिन्न नई चीजों को देखेंगे और नोटिस करेंगे। जवानों को मास्क पहने देखा जाएगा और 12X12 सैन्य दल की प्रणाली के बजाय, इस वर्ष यह 12X8 की प्रणाली होगी। इसका मतलब है, 144 जवानों के बजाय, एक टुकड़ी में 96 जवान होंगे।
3. कोरोनावायरस की महामारी के कारण, इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड लाल किले तक जाने के बजाय राष्ट्रीय स्टेडियम में समाप्त होगी जहां यह आमतौर पर संपन्न होता है। मार्च के लिए दूरी में 50 फीसदी की कमी की गई है। मेजर जनरल आलोक काकेर के अनुसार, महामारी के मद्देनजर सैन्य दल शक्ति को भी 144 से घटाकर 96 कर दिया गया है।
4- हालांकि देश में दुनिया के इस महामारी के खिलाफ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है फिर भी इस बार गणतंत्र दिवस में यह बदलाव देखने को मिलेगा कि 15 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा परेड में हिस्सा नहीं लेगा।
5. यह बीते पचास सालों बाद ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा कि बिना किसी विदेशी मुख्य अतिथि के बिना पहली गणतंत्र दिवस परेड होगी। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन, जिन्होंने शुरुआत में मुख्य अतिथि बनने के लिए भारत के निमंत्रण को स्वीकार किया था, लेकिन इंग्लैंड में कोरोनावायरस के नए स्ट्रैन के मामलों के तेजी से बढ़ने के कारण अपनी यात्रा को रद्द कर दिया था। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कोई मुख्य अतिथि नहीं था।
क्या जोड़ा गया है
1. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पहली बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अपनी खुद की झांकी होगी। मिली जानकारी के अनुसार जनरल ट्रेनिंग आरके यादव ने बताया है कि “इस साल हम अपनी खुद की झांकी और इसके थीम भी होंगे। संघर्ष क्षेत्रों में CRPF के युद्ध कौशल को दर्शाया जाएगा और इस बार सभी जवान मास्क पहनकर समाजिक दूरी (social distancing) का पालन करेंगे।
(यह रिपोर्ट सुरजीत कुमार और निकिता कोचे द्वारा तैयार किया गया है।)
(दोनों महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में मास कम्युनिकेशन के छात्र हैं जो मीडिया के क्षेत्र में काफी पैनी नजर रखते हैं।)
