दक्षिण चीन सागर से लेकर पूर्वी लद्दाख तक अपने पड़ोसियों की नाक में दम करने वाले चीनी ड्रैगन को घेरने की तैयारी अब पुख्ता रूप लेती नजर आ रही है । इसका इशारा खुद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की जापान की राजधानी तोक्यो हो रही बैठक में कर दिया । जयशंकर ने चीन के दादागिरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत हिंद – प्रशांत क्षेत्र के मुक्त , खुले और समावेशी बनाए जाने को लेकर प्रतिबद्ध है ।
भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि हम नियमों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था , क्षेत्रीय अखंडता , संप्रभुता के लिए सम्मान और विवादों के शांतिपूर्वक समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं । जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना टोक्यों में आयोजित क्वाड्रीलेटरल सिक्यॉरिटी डायलॉग या Quad की दूसरी मंत्रीस्तरीय बैठक में ड्रैगन पर निशाना साधा । बैठक का फोकस हिंद – प्रशांत क्षेत्र के लिए मुक्त और खुली व्यवस्था सुनिश्चत करने पर रहा , जहां चीन लगातार अपनी आक्रामकता बढ़ा रहा है । उन्होंने यह भी कहा कि इस साल की घटनाओं ने दिखाया है कि कैसे समान विचारधारा वाले देशों के लिए अनिवार्य है कि चुनौतियों का साथ मुकाबला किया जाए ।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक में कहा , ” जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्र और साझा मूल्यों के साथ हमारे देशों ने सामूहिक रूप से मुक्त , खुले और समावेशी हिंद – प्रशांत के महत्व पर जोर दिया है । ” इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पायने , जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोतेगी और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ भी शामिल हुए ।विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था , कानून के शासन , पारदर्शिता , नौवहन की स्वतंत्रता , क्षेत्रीय एकजुटता का सम्मान , संप्रभुता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा , ‘ मैं कनेक्टविटी और आधारभूत ढांचे के विकास , आतंकवाद , साइबर तथा नौवहन सुरक्षा और इलाके की स्थिरता तथा समृद्धि के लिए होने वाली बातचीत को लेकर आशान्वित हूं । ‘
