दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में अपनी कथित भूमिका के संबंध में गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू ) के पूर्व छात्र उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है । दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में पकड़े गए उमर खालिद दस दिन की पुलिस रिमांड पर था । उसकी रिमांड अवधि आज 24 सितंबर को खत्म होने के बाद उसे फिर से अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 22 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा उमर खालिद पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम ( यूएपीए ) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ।
2 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने भी की थी कुछ घंटे पूछताछ
दिल्ली दंगे के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दो सितंबर को कुछ घंटे तक उमर से थी । इससे पहले पुलिस ने दंगे से जुड़े एक अन्य मामले में उमर के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि ( निषेध ) कानून ( यूएपीए ) के तहत मामला दर्ज किया था । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी । पुलिस ने उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था ।
जेएनयू नारेबाजी कांड में भी गिरफ्तार हो चुके हैं
खालिद उमर खालिद सबसे पहले 2016 में जेएनयू में हुई कथित देशविरोधी नारेबाजी के मामले में सुर्खियों में आए थे । उस मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था । वह जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के साथ देशद्रोह मामले के मुख्य आरोपियों में भी शामिल हैं ।
