भारत की स्वदेशी विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन – ‘ कोवाक्सिन ‘ ( Covaxin ) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) ने क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण के लिए मंजूरी दे दी है । भारत बायोटेक इंडियन कंपनी ‘ कोवाक्सिन ‘ नाम की कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही है । भारत बायोटेक वैक्सीन का निर्माण इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) के साथ मिलकर कर रहा है जिन्होंने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए 2 अक्टूबर को अनुमति के लिए आवेदन किया था ।
करीब तीन महीने पहले जुलाई में , भारत बॉयोटेक को पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण करने की इजाजत दी गई थी . तब से , भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 77 लाख के पार हो चुके हैं . इस तरह दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित होनेवाला देश बन गया है . परीक्षण शुरू करने की मंजूरी के साथ , तीसरे चरण का मानव परीक्षण अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है . मंगलवार को भारतीय दवा नियंत्रण प्राधिकरण की कमेटी ने वैक्सीन पर वचार – विमर्श किया और मानव परीक्षण की प्रक्रिया में मामूली बदलाव की सलाह देते हुए मंजूरी दी .फार्मा कंपनी के मुताबिक , कोरोना वायरस के अंश को नेशलन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी , पुणे में अलग कर भारत बायोटेक को स्थानांतरित किया गया था . देसी , निष्क्रिय वैक्सीन का विकास और निर्माण भारत बायोटेक के हैदराबाद स्थित केंद्र में किया गया था . जानवरों पर शुरुआती चरण के परीक्षण कर , फार्मा कंपनी ने दवा नियंत्रण प्राधिकरण से इंसानों पर परीक्षण का अगला चरण शुरू करने के लिए मंजूरी देने की मांग की थी . जुलाई में , कंपनी ने अपने पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण किया था . परीक्षण से जुड़े एक डॉक्टर वेंकट राव ने डोज दिए जाने के बाद वॉलेंटियर में एंटी बॉडीज निर्माण में बढ़ोतरी दर्ज होने की बात कही .
तीसरे चरण के लिए अनुमति मांगने वाले अपने आवेदन में , डेवलपर्स ने कहा था कि यह ट्रायल 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 28,500 विषयों को कवर करेगा और दिल्ली , मुंबई , पटना और लखनऊ सहित 19 साइटों पर आयोजित किया जाएगा । बता दें कि ‘ कोवाक्सिन ‘ अभी एक निष्क्रिय वैक्सीन है जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में SARS CoV – 2 वायरस से निकाला गया है । भारत बायोटेक ने कहा है कि वो ‘ कोवाक्सिन ‘ में एक ऐसी दवा को मिलाएगा , जिससे प्रतिरोधक क्षमता और मजबूत होगी और इससे लंबे समय तक इम्युनिटी मिलेगी । विषय विशेषज्ञ समिति ( एसईसी ) की बैठक के अनुसार , भारत बायोटेक ने दो अक्टूबर को चरण एक और दो के दौरान किए गए क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम डेटा के साथ तीसरे चरण का क्लीनिकल प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया ।
