कोरोना वायरस के कारण स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लास का सिलसिला लगातार जारी है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि लॉकडाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई पर कोई विपरीत असर न पड़े। शुरुआती दिनों में आई मुश्किलों के बाद अब बच्चों को ऑनलाइन क्लास में मजा आने लगा है। वहीं बच्चों को शिक्षकों द्वारा प्रोजेक्ट्स भी दिए जा रहे हैं। साथ ही साथ बच्चों को रचनात्मक कार्यों से भी जोड़ा जा रहा है, लेकिन इसके विपरीत परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में…
ऑनलाइन क्लास के फायदे और नुकसान
हर चीज के दो पहलू होते हैं। ये ऑनलाइन क्लासेज जहां बच्चों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, वही इसके कुछ नुकसान भी सामने आ रहे हैं। बच्चों को कोचिंग के लिए नहीं जाना पड़ रहा है एवं आने-जाने का समय भी बच रहा है तो वहीं ऑनलाइन क्लासेज के दौरान बच्चे अपने टीचर्स के साथ ठीक से इंटरेक्ट नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही बच्चे अपने घर में स्कूल जैसा वातावरण नहीं मिलने से स्ट्रेस में हैं।
ऑनलाइन क्लास को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
मनोचिकित्सकों का मानना है कि ऐसे समय में माता-पिता को अधिक से अधिक समय अपने बच्चों को देना चाहिए। बच्चों में सकारात्मक भाव बना रहे, इसलिए लॉकडाउन के जल्द समाप्त होने की बात कहकर उन्हें समझाना चाहिए।
मनोचिकित्सक तृप्ति ईशा बताती हैं कि ऑनलाइन स्कूलिंग शुरू करने के लिए बहुत शाबाशी दी जानी चाहिए, क्योंकि यह इतना आसान कदम नहीं है। साथ ही साथ इसके बहुत से प्रभाव भी पड़ते हैं। इसके बावजूद आज बच्चे घर में बैठे हुए ही ऑनलाइन स्कूलिंग कर रहे हैं। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों को शाबाशी देते रहना चाहिए। ऐसी स्थिति में बच्चों को ज्यादा प्रेशराइज न करें तो बेहतर होगा।
दरअसल, जब शुरुआत में स्कूल बंद हुए तो यह नहीं पता था कि कैसे पढ़ाना है और न ही स्कूलों के पास संसाधन मौजूद थे। वहीं शिक्षक भी ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित नहीं थे, लेकिन आज इन सभी समस्याओं से पार पाने का प्रयास संस्थानों का प्रबंधन कर पाने में सक्षम हो पा रहा है। इस प्रकार से तमाम चुनौतियों के बावजूद स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज जारी हैं।
