देश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिये तैनात पुलिस को अक्सर उनके कठोर कदम की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन पुलिस कर्मचारी ही कई बार कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी मिसाल वर्षों तक दी जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है केरल की पुलिस ने।
दरअसल केरल के कल्लुप्पारा आदिवासी हैमलेट के छात्र जंगल रोड से कई किमी का सफर तय करके बड़ी मुश्किल से गांव विथुरा के निकटम शिक्षा के लिये एक स्कूल पहुंचते हैं। जंगल के उन रास्तों पर हर समय जंगली जानवारों का खतरा बना रहता है। बच्चों की इस मुश्किल को देखते हुये विथुरा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने एक अनूठा प्रयास किया है। इन अधिकारियों नें कॉलोनी में छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा के लिये खास व्यवस्था की है। ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिये जोखिम न उठाना पड़े।
पुलिस अधिकारी अब तीन बार हेमलेट पर जाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि छात्र अच्छी तरह से सीख रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिस कर्मचारी छात्रों को मार्गदर्शन भी देते हैं और विभिन्न विषयों को पढ़ाते भी हैं। पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर एसएल सुधीश कहते हैं कि हमने उन्हें पढ़ने में मदद के रूप में इस व्यवस्था को शुरू किया है, जिसके तहत टेलीविज़न सेट लगाया। अब बच्चे टीवी पर आने वाले शिक्षा चैनल देखते हैं।
पुलिस के इस प्रयास से छात्रों के माता-पिता काफी खुश हैं, क्योंकि पहले उन्हें डर था कि ऑनलाइन शिक्षा की सुविधाओं की कमी के कारण कहीं उनके बच्चों को दरकिनार न कर दिया जाये। वहीं अब समागम शिक्षा अभियान छात्रों को बेहतर ढंग से हर चीज सीखने में मदद करते हैं। यहां बच्चों के लिए कक्षायें भी लगाती जाती हैं। पुलिस की पहल से निश्चित रूप से कल्लुप्पारा आदिवासी हैमलेट जैसे बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करेगी।
