किसान बिल को लेकर जारी विरोध को लेकर केन्द्र सरकार ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। सरकार का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसानों से एक ही शर्त पर बात करने को तैयार है, लेकिन वे कानून को वापस लेने की जिद्द छोड़ दें। अगर किसान नेता कानून में कोई संशोधन चाहते हैं या कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।
किसानों से बातचीत के लिए सरकार हमेशा तैयार
दरअसल मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान से कई बार संवाद किया है। वे भविष्य में भी बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने साफ किया कि अगर किसान नेता कानून में संशोधन का कोई प्रस्ताव लेकर आते हैं, तो उनसे बात की जाएगी। तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं, लेकिन फिर भी किसानों का कोई सुझाव है, तो उस पर गौर किया जाएगा।
बता दें कि बीते छह महीने से भी अधिक समय से किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से किसान नेताओं की ओर से कई दौर की बैठक पहले भी हो चुकी है।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)
