स्वदेशी रक्षा तकनीकों में एक लम्बी छलांग लगाते हुए भारत ने सोमवार को सफलतापूर्वक हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) का परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा तट पर कलाम द्वीप से किया गया। इस सफल परीक्षण के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ जी. सतीश रेड्डी ने वैज्ञानिकों को बधाई दी।
आत्मनिर्भर भारत के लिए मील का पत्थर एचएसटीडीवी: डीआरडीओ अध्यक्ष
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि, ‘इस मिशन के साथ डीआरडीओ ने अत्यधिक जटिल प्रौद्योगिकी के लिए क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। जो, उद्योग के साथ साझेदारी में नेक्स्टजेन हाइपरसोनिक वाहनों के लिए बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में काम करेगा। आज एक ऐतिहासिक मिशन में भारत ने सफलतापूर्वक हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का परीक्षण किया, जो स्वदेशी रक्षा तकनीकों में एक ऊंची छलांग है और एक सशक्त भारत और आत्म निर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।’
उन्होनें राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपने दृढ़ और अटूट प्रयासों के लिए सभी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इस मिशन से जुड़े अन्य कर्मियों को बधाई दी।
भारत को वैज्ञानिकों पर गर्व: रक्षामंत्री
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा कि, आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन प्रणाली का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। इस सफलता के साथ, सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां अब अगले चरण की प्रगति के लिए स्थापित हो गई हैं। मैं इस महान उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं जो पीएम के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में है। मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।
हिन्दुस्थान समाचार
