दुनिया के तमाम देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। जैसे ही किसी वैक्सीन का नाम आता है, अचानक हलचल बढ़ जाती है और कई प्रकार की अटकलें लगनी शुरू हो जाती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सभी अटकलों पर विराम देते हुए साफ कर दिया है कि वैक्सीन कब तक मिलेगी और सबसे पहले किसे दी जायेगी।
दरअसल केंद्रीय मंत्रिय ने एक निजी दैनिक को दिए गए साक्षात्कार में बताया कि दुनिया भर में कोविड के खिलाफ वैक्सीन बनाने की रफ्तार तेज हो गयी है। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ बनायी जा रही वैक्सीन को-वैक्सिन इस साल के आखिर तक देने के लिये तैयार हो जायेगी। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की जा रही ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन का समानांतर उत्पादन किया जा रहा है, यानी एक तरफ वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और दूसरी तरफ इसका उत्पादन भी हो रहा है। ताकि सफल होने के बाद इसके बाजार में पहुंचने में देर न लगने।
उन्होंने ये भी बताया कि भारत में बनने वाली दो वैक्सीन के उत्पादन में अभी एक महीने का वक्त लगेगा। अगर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहता है तो अगले साल की पहली तीमाही में इसका उपयोग शुरू कर सकते हैं। यानी 2021 के जनवरी, फरवरी और मार्च के बीच लोगों को वैक्सीन मिलने लगेगी।
वैक्सीन किसे पहले दी जायेगी, इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले हेल्थ वर्कर्स, कोरोना के खिलाफ फ्रंट लाइन वर्कर्स, कोरोना संक्रमण के संवेदनशील, अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन पहले उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या कोमोरबिडीटी के लोग हैं, उन्हें भी शामिल किया जाएगा। वहीं जब वैक्सीन का मास प्रोडक्शन हो जायेगा तो सभी को को मिलने लगेगी।
सभी ट्रायल रहे सफल
इस बारे में कोविड19 वैक्सीन ट्रायल के प्रिंसिपल इवेस्टीगेटर डॉ. संजय राय कहते हैं कि भारत की जो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो पूरी तरह भारत में बनी है, अभी तक उनके क्लिनिकल ट्रायल में सब कुछ अच्छा जा रहा है। वैक्सीन के प्रभाव को कई तरह से देखते हैं जैसे एंटीबॉडी बन रहे हैं और वायरस को बेअसर कर रही है या नहीं। साथ ही शरीर में एंटीबॉडी लंबे समय तक मौजूद रहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि फेज थ्री ट्रायल में सिर्फ किसी एक के उपर नहीं बल्कि हर वर्ग के लोगों के उपर जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, युवा सभी के शरीर में वैक्सीन की क्षमता को देखना होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा भारत जल्दीबाजी में साइंस के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहता, जिससे बाद में कोई दिक्कत आये।
बता दें कि हैदराबाद में भारत बॉयोटेक द्वारा बनायी जा रही वैक्सीन का दो हफ्ते पहले ही मानव ट्रायल शुरू किया गया है और ये वैक्सीन भी साल के आखिर तक तैयार हो जायेगा। जबकि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का जल्द ही फेज थ्री का ट्रायल शुरू होने वाला है। एकसपर्ट कमेटी ने अब तक दो बैठक की हैं जिसमें पहले में राज्यों को कैसे और कब किस तरह से वैक्सीन देनी है और दूसरी बैठक में वैक्सीन की उत्पादन कंपनियों और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ एक रूप रेखा तैयार की गई है।
सोर्स – प्रसार भारती
