कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बाजार में बिक रहे फ़िल्टर युक्त या वैलवेट मास्क के प्रयोग पर चिकित्सा विशेषज्ञों में चिंता जताई है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो एन95 के मुकाबले सादे कपड़े के मास्क ज्यादा सुरक्षित हैं। रही बात मास्क नहीं लगाने वालों की तो उनके लिए चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही वैक्सीन है।
गुजरात के अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक ने भी सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर कोरोना से बचाव के लिए आम आदमी को जागरूक करने को कहा है। साथ ही लोगों में जागरूकता बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि बाजार में मौजूद कई तरह के मास्क कोरोना से रक्षा नहीं करते हैं। शुरुआत में एन 95 मास्क को कोरोना सुरक्षा के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता था, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वाल्व के साथ-साथ एन 95 मास्क कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेषज्ञों ने घर पर सूती कपड़े के दो-तीन लेयर मास्क को भी सुरक्षित घोषित किया है। इसे धोने से पुन: उपयोग किया जा सकता है, लेकिन डिस्पोजेबल मास्क का अक्सर दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि नागरिकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के मास्क में फिल्टर या वाल्व के साथ मास्क का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन वह वायरस के प्रसार के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए इस तरह के मास्क पहनना उचित नहीं है। साथ ही कपड़े के मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और साथ ही कपड़े के मास्क को उबलते पानी में रोजाना पांच मिनट तक धोना चाहिए।
मास्क लगाने पर सांस लेने में दिक्कत होती है, ऐसे में क्या करें?
सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. बलविंदर सिंह का कहना है कि अगर सांस लेने में परेशानी भी हो रही है, तो भी मास्क को पहने रहना है। बहुत दिक्कत है तो थोड़ा ढीला कर दें। अगर कोई नहीं है तो थोड़ी देर के लिये दो-तीन बार लंबी सांस लेने के बाद फिर लगा लें। ऐसा तभी करें जब आपके आस-पास कोई भी व्यक्ति नहीं है। अगर मास्क नियमित लगायेंगे तो धीरे-धीरे आदत बन जायेगी।
प्रसार भारती से बातचीत में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये आम लोगों को ट्रिपल लेयर का बना मास्क खरीदना है। अगर मास्क कपड़े का है तो ही उसे धोकर दोबारा प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन अगर किसी कोरोना से संक्रमित के पास जा रहे हैं या घर में कोई संक्रमित है, तो एन 95 मास्क (N95 mask) का प्रयोग कर सकते हैं। ध्यान रहे, सिंगल लेयर या डबल लेयर का मास्क केवल सामान्य सर्दी जुकाम से बचा सकता है, कोरोना वायरस से नहीं।
