Nation

एलएसी पर नहीं हुई फायरिंग- भारतीय सेना

पिछले एक हफ्ते से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच बढ़ा रहे तनाव के बीच खबर आयी कि दोनों सेनाओं के बीच फायरिंग हुई है। इस खबर का खंडन करते हुए भारतीय सेना ने कहा है कि एलएसी पर किसी भी प्रकार की झड़प या फायरिंग की घटना नहीं हुई है। भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह जरूर है कि चीन बार-बार समझौते के विरुद्ध जाकर गतिविधियों को अंजाम दे रहा है, जबकि भारत की ओर से हर परिस्थितियों को बात-चीत के जरिए सुलझाने के प्रयास जारी हैं। 

भारतीय सेना ने कहा कि चीन की पश्चिमी कमांड अपने देश और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भ्रामक खबरें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) बार-बार दोनों देशों के बीच समझौतों का उल्लंघन कर रही है। वहीं दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की बातचीत जारी है। चीन के द्वारा बार-बार उकसाने के बावजूद भारतीय सेना ने जिम्मेदाराना व्‍यवहार किया है। भारतीय सेना दोनों देशों के बीच शांति बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हम किसी भी कीमत पर देश की संप्रभुता को खतरे में नहीं आने देंगे।   

सोमवार देर रात आयी थी गोलीबारी की खबर 

भारतीय मीडिया में सोमवार देर रात गोलीबारी की खबर आयी, जिसमें कहा गया कि पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की है। भारतीय सैनिकों ने चेतावनी दी लेकिन रुकने के बजाय उन्होंने फायरिंग कर दी। इस पर भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी फायरिंग की। खबरों में यह भी कहा गया कि करीब चार दशक के बाद पहली बार दोनों तरफ से फायरिं​​ग की गई है। घटना के बाद हालात नियंत्रण में है। आगे कहा गया कि उधमपुर के वायु सेना स्टेशन के एयर बेस से देर रात लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और लद्दाख सीमा पर हवाई हलचल तेज हो गई है। 

चीनी मीडिया में फैलाई गई अफवाह  

दरअसल इस अफवाह को चीनी सेना की वेस्‍टर्न कमांड की ओर से फैलाया गया। देर रात चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली की ओर से देर रात दिए गए बयान में कहा गया कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित ‘उकसावे’ की कार्रवाई की गई जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। पीएलए प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने अवैध रूप से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पास शेनपाओ पहाड़ में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास को पार किया।

6 दिन तक चली वार्ता विफल 

दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है लेकिन लगातार 6 दिन तक की गई वार्ता नाकाम रही है। इसी के बाद से लद्दाख में दोनों देशों की सेना के बीच टकराव बढ़ा है। इस बार पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर का लगभग 70 किमी. क्षेत्र भारत और चीन के बीच नया हॉटस्पॉट बना है। यह नया मोर्चा थाकुंग चोटी से शुरू होकर झील के किनारे-किनारे रेनचिन ला तक है। भारत की सीमा में आने वाले इस पूरे इलाके में रणनीतिक महत्व की तमाम ऐसी पहाड़ियां हैं जिन पर भारतीय सेना ने दो दिन के भीतर कब्जा कर लिया। 1962 के युद्ध के बाद दोनों देश अब तक इन पर सैन्य तैनाती नहीं करते रहे हैं।

भारत के इस आक्रमक एक्शन से चीन सकते में आ गया और इस क्षेत्र में सैनिकों, आर्टिलरी और टैंक तनात कर दिए। ब्लैक टॉप चोटी के पास दोनों सेनाएं आमने-सामने और फायरिंग रेंज में आ गईं। थाकुंग चोटी से लेकर झील के किनारे-किनारे रेनचिन ला तक ऊंचाई वाली जगहों पर भारतीय सैनिकों की तैनाती चीन को नागवार गुजरी और तभी से यहां तनावपूर्ण माहौल कम होने के बजाय बढ़ता ही रहा। पैन्गोंग झील के दक्षिणी छोर पर भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद चीन को शर्मिंदा करने वाली अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि चीन ने जानबूझकर भारत को उकसाने के लिए पैन्गोंग झील के इस इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। चीन अब इसलिए बौखला गया है कि उसके कमांडर ने भारतीय सैनिकों से टकराने के बजाय पीछे हटने का फैसला क्यों किया?

जनरल नरवणे का एलएसी दौरा

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने 03 सितम्बर को लेह पहुंचकर सीमा के हालातों की जानकारी ली। सेना प्रमुख ने दक्षिण पैंगोंग में सेना की कार्रवाइयों का जायजा लेने के लिए चुशुल का दौरा किया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में हवाई और जमीनी सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने दौरा करने के बाद सीमा के हालात को बहुत ही नाजुक और गंभीर बताया। उन्होंने चीन को सख्त सन्देश दिया कि हमारे जवानों का जोश बरकरार है और हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तनावपूर्ण स्थिति खत्म करने के लिये हम बातचीत के जरिए ही मौजूदा हालातों से निपटेंगे। इसी इलाके में सेना ने थाकुंग चोटी से लेकर रेकिन ला तक लगभग 30 प्रमुख ऊंचाइयों पर कब्जा करके चीन के मुकाबले अच्छी रणनीतिक बढ़त बनाई है। 

पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तनाव के बीच 05 सितम्बर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही के साथ रूस की राजधानी मॉस्को में बैठक हुई। दोनों रक्षामंत्रियों के बीच यह बैठक 2 घंटे 20 मिनट चली इस बैठक में पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया। इस बैठक में भी राजनाथ सिंह ने चीन को कड़े और स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रमक रवैया है और ऐसा चलता रहा तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। राजनाथ सिंह ने चीन को यह भी सलाह दी कि मौजूदा हालात में दोनों देशों के लिए बॉर्डर पर शांति और सहज माहौल की जरूरत है। हमें सभी स्तर पर बातचीत के दरवाजे खुले रखने चाहिए चाहे वो सैन्य वार्ता हो या फिर कूटनीतिक और संवाद व संपर्क से बातचीत को हल करना चाहिए।

इस सबके बावजूद एलएसी के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव कम नहीं हुआ और 1975 के बाद सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस तरह से पहली बार फायरिंग की घटना हुई। 

हिन्‍दुस्‍थान समाचार

News is information about current events. News is provided through many different media: word of mouth, printing, postal systems, broadcasting, electronic communication, and also on the testimony of observers and witnesses to events. It is also used as a platform to manufacture opinion for the population.

Contact Info

Address:
D 601  Riddhi Sidhi CHSL
Unnant Nagar Road 2
Kamaraj Nagar, Goreagaon West
Mumbai 400062 .

Email Id: [email protected]

West Bengal

Eastern Regional Office
Indsamachar Digital Media
Siddha Gibson 1,
Gibson Lane, 1st floor, R. No. 114,
Kolkata – 700069.
West Bengal.

Office Address

251 B-Wing,First Floor,
Orchard Corporate Park, Royal Palms,
Arey Road, Goreagon East,
Mumbai – 400065.

Download Our Mobile App

IndSamachar Android App IndSamachar IOS App

© 2018 | All Rights Reserved

To Top
WhatsApp WhatsApp us