लद्दाख में एलएसी पर चीन से तनातनी के बीच खबर है कि जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक दूसरे का आमना सामना करेंगे . दोनों देश के प्रधान 17 नवंबर 2020 को होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में फेस टू फेस मिलेंगे . हालांकि दोनों शक्तिशाली नेताओं की यह मुलाकात वर्चुअल यानी ऑनलाइन होगी . साल 2014 से पीएम मोदी और जिनपिंग अब तक 18 बार एक दूसरे से मिल चुके हैं . इन 18 मुलाकातों में दो अनौपचारिक शिखर सम्मेलन भी शामिल हैं . एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन साल 2018 में वुहान में हुआ था और दूसरा 2019 में मामल्लपुरम में था .
17 नवंबर को 12 वां ब्रिक्स समिट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा । भारत में रूसी दूतावास के हवाले से बताया गया कि इस बार का थीम ‘ ब्रिक्स पार्टनरशिप फॉट ग्लोबल स्टैबिलिटी , शेयर्ड सिक्यॉरिटी ऐंड इनोवेटिव ग्रोथ ‘ होगा । बता दें कि मई में , रूस ने कोविड -19 महामाटी के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया था । शिखर सम्मेलन 21-23 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग , रूस में होने वाला था ।
इससे पहले , दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक के दौरान बातचीत हुई । उससे पहले , भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच भी मॉस्को में ब्रिक्स रक्षामंत्रियों के बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता हुई थई । इस दौरान सीमा पर तनाव को लेकर काफी देर तक बातचीत हुई । लेकिन , तनाव कम करने में अभी तक कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई है । गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई के महीने से ही गतिरोध बना हुआ । अब तक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक से लेकर सैन्य स्तर तक कई दौर की बातचीत हुई है । लेकिन , सीमा पर सैन्य जमावड़ा कम नहीं हो रहा है । गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास एक दूसरे के ऊपर न के बराबर रह गया है ।
