राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने धर्मपाल गुलाटी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है । श्री गुलाटी मशहूर मसाला कम्पनी एमडीएच प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष थे । राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि श्री गुलाटी उद्योगजगत के जाने – माने व्यक्ति थे और उन्होंने समाज सेवा में भी काफी योगदान किया । श्री कोविंद ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की ।
देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशिया दी हट्टी ( MDH ) के मालिक महाशय धर्मपाल जी का निधन हो गया है । सुबह 5.38 पर उन्होंने अंतिम सांस ली । वह 98 साल के थे । कोरोना से ठीक होने के बाद हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ । व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था । गुलाटी का जन्म 27 मार्च , 1923 को सियालकोट ( पाकिस्तान ) में हुआ था । 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए । तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे । भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण – पोषण के लिए तांगा चलाना शुरु किया । फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके ।
महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था और यहीं से उनके व्यवसाय की नीव पड़ी थी . कंपनी की शुरुआत एक छोटी सी दुकान से हुई , जिसे उनके पिता ने विभाजन से पहले शुरू किया था . हालांकि 1947 में देश के विभाजन के समय उनका परिवार दिल्ली आ गया था . दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने एक टांगा खरीदा , जिसमें वह कनॉट प्लेस और करोल बाग के बीच यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते थे . गरीबी से तंग आकर उन्होंने अपना तांगा बेच दिया और 1953 में चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर ली . इसके बाद उन्होंने महाशिया दी हट्टी ( MDH ) नाम का दुकान खोला और मसालों का व्यापार का व्यापार शुरू किया . जैसे – जैसे लोगों को पता चला कि सियालकोट की देगी मिर्च वाले अब दिल्ली आ गए हैं , उनका कारोबार फैलता चला गया .
