राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि दुनिया ने COVID महामारी के समय में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की क्षमता को पहचाना है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धतियों को मान्यता देने का समय आ गया है और उत्तर प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से इस संबंध में काफी मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के तीसरे दिन राष्ट्रपति ने आज गोरखपुर में राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 2014 में एक समर्पित आयुष मंत्रालय की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि उत्तर प्रदेश ने 2017 में एक समर्पित आयुष विभाग की स्थापना की और अब राज्य में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। राष्ट्रपति अपने गोरखपुर दौरे के दौरान आज महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे.।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि शिव अवतारी महायोगी भगवान गोरक्षनाथ जी की इस पावन धरती पर उत्तर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम में मा. राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद जी का मैं हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया विगत डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी से त्रस्त है।इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने हेतु सम्पूर्ण विश्व ने भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण किया है।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि PM जी द्वारा लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास हुआ है।प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को इस विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्रदान करते हुए मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एकरूपता लाने का कार्य किया गया।योग की समस्त विशिष्ट विधाएं वो चाहे हठ योग हो, राज योग, लय योग या फिर मंत्र योग हो। जिन्हें आप व्यावहारिक या क्रिया योग भी कहते हैं, इनके जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं।
आयुष विश्वविद्यालय के बारे में
उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण को पूरा करने की समय सीमा 2023 तय की है। 52 एकड़ में फैले इस विश्वविद्यालय के परिसर में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग चिकित्सा सुविधा होगी। इसके निर्माण के लिए 299 करोड़ रुपये से अधिक का बजट रखा गया है। विश्वविद्यालय आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस विश्वविद्यालय से राज्य के आयुष अनुशासन के 94 कॉलेज संबद्ध होंगे। आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ, गोरखपुर को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा क्योंकि शहर में पहले से ही एक मेडिकल कॉलेज है और जल्द ही एम्स का उद्घाटन किया जाएगा।
