पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर कायम गतिरोध के बीच भारत , अमेरिका , जापान और ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिकों के बीच मालाबार अभ्यास का पहला चरण आज यानी मंगलवार से बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम से शुरू हो रहा है । यह अभ्यास चार देशों के रणनीतिक हितों के बढ़ते संबंध को दर्शाता है । भारत , जापान , आस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच पहले चरण का मालाबार अभ्यास आज से शुरू हो रहा है जो शुक्रवार को समाप्त होगा ।
इन चार देशों के इस नौसेना अभ्यास का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर के बीच अरब सागर में होगा । पिछले हफ्ते , भारत ने यह घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया इस नौसेना अभ्यास का हिस्सा होगा , जिसके साथ ही अब यह प्रभावी तरीके से ‘ क्वॉड ‘ या ‘ चतुष्कोणीय गठबंधन ( क्वाड्रीलैटरल कोलेशन ) के सभी चार सदस्य देशों का अभ्यास हो गया है । चीन , मालाबार अभ्यास को लेकर सशंकित है क्योंकि उसे लगता है कि यह वार्षिक युद्ध अभ्यास हिंद – प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव कायम रखने की इन देशों की कोशिश है ।
मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था । बाद में , 2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया । यह वार्षिक नौसेना अभ्यास 2019 में जापान के तट पर हुआ था ।
इस साल के अभ्यास में भारतीय नौसेना अपने विध्वंसक पोत रणविजय , युद्ध पोत शिवालिक , समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या , जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी । अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा अत्याधुनिक जेट प्रशिक्षक हॉक , लंबी दूरी का समुद्री गश्त विमान पी 8 आई , डोर्नियर समुद्री गश्त विमान और कई सारे हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे ।
हाल ही में हुई ‘ टू – प्लस – टू वार्ता के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मालाबार अभ्यास में शामिल होने के लिये भारत द्वारा आस्ट्रेलिया को न्योता दिये जाने का स्वागत किया था । चीन की बढ़ती आक्रमकता को रोकने के लिये अमेरिका एक सुरक्षा ढांचे के रूप में ‘ क्वॉड ‘ का समर्थन कर रहा है ।
