नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर मचा बवाल के बीच भारत के केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है। वाट्सऐप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इन नियमों के जरिए अपराध को अंजाम देने वालों की पहचान करना चाहती है और भारत सरकार हमेशा लोगों की निजता को प्राथमिकता देते हुए हमेशा से उसका सम्मान किया है।
सरकार से सवाल पूछने और सरकार की आलोचना करना लोगों का अधिकार: रविशंकर प्रसाद
सरकार से सवाल पूछने और सरकार की आलोचना करना लोगों का अधिकार है वो किसी भी तरह से सरकार से सवाल कर सकते हैं , केन्द्रीय मंत्री ने कहा,‘’ऑफेंसिव मैसेज के पहले ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देना पहले से ही प्रचलन में है। ये मैसेज भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, बलात्कार, बाल यौन शोषण से संबंधित अपराधों से संबंधित है।” कैन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि नए नियम को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाया गया है। सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचना का स्वागत करती है। सरकार इन नियमों के जरिए के जरिए सरकार समान्य उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है जिससे वो किसी भी प्रकार के गलत कामों के शिकार ना हो सके।
क्या हैं नए नियम?
जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया से सम्बंधित नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी 2021 को की गई थी। इन नियमों को लागू करने के इन सभी कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया था। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई की जा सकती है। इन नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी।
इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। इन नियमों का पालन न करने पर इन कंपनियों को अपने इंटरमेडियरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा होस्ट किए गए डाटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है।
सरकार लोगों के सोशल मीडिया पर नजर रखने वाली खबर को बताया अफवाह
इन दिनों एक व्हाट्स एप मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है . इस मैसेज में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से जल्द ही नए संचार नियम लागू किए जाने वाले हैं . इन नियमों के तहत सरकार अब सोशल मीडिया और फोन कॉल पर भी नजर रखने वाली है . अब सरकार ने इस मैसेज को पूरी तरह से फेक बताकर , इस मैसेज को मानने से इनकार कर दिया है .
भारत में इस समय सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच जारी जंग
अगर कंपनियों और भारत सरकार के बीच इन मुद्दों को लेकर सुलह नहीं होती है और इस दौरान कंपनियां इन नियमों को मानने में असमर्थ रहती हैं तो इनका अस्तित्व भारत में खतरे में पड़ सकता है । वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक और अन्य टेक कंपनियों ने भारत में काफी निवेश किया है । Facebook का कहना है कि कंपनी अधिकतर प्रावधानों पर सहमत है । मगर अभी भी कुछ पहलुओं पर बातचीत हो रही है । Twitter इस समय सबसे ज्यादा आलोचनाओं में आ गया है , लेकिन उसने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया ।
