अयोध्या में सरयू नदी पर ‘ रामायण क्रूज टूर ‘ जल्द ही शुरू किया जाएगा । केन्द्रीय पत्तन , पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज क्रूज सेवा के कार्यान्वयन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की । यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी ( घाघरा | राष्ट्रीय जलमार्ग -40 ) पर पहली लक्जरी क्रूज सेवा होगी । इसका उद्देश्य पवित्र सरयू नदी के प्रसिद्ध घाटों की यात्रा करते हुए श्रद्धालुओं को एक तरह की आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव प्रदान करना है ।
क्रूज में वैश्विक स्तर के अनुरूप आवश्यक संरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं के साथ – साथ लक्जरी और आराम की सभी सुविधाएँ मौजूद होंगी । क्रूज के अंदरूनी भाग और बोर्डिंग पॉइंट , रामचरितमानस की थीम पर आधारित होंगे । पूरी तरह से वातानुकूलित 80 – सीटों वाले क्रूज में घाटों की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कांच की बड़ी खिड़कियां होंगी । पर्यटकों के आराम के लिए , क्रूज रसोई और पेंट्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा । क्रूज में पर्यावरण पर ‘ शून्य प्रभाव ‘ के लिए जैव शौचालय और हाइब्रिड इंजन प्रणाली है । पर्यटकों को 1-1.5 घंटे की अवधि के ‘ रामचरितमानस टूर ‘ पर ले जाया जाएगा । यात्रा के दौरान गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित विशेष रूप से बनाई गई वीडियो फिल्म दिखाई जायेगी , जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक की कथा होगी । पूरी यात्रा में लगभग 15-16 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी । रामायण के विभिन्न प्रसंगों से प्रेरित कई गतिविधियाँ और सेल्फी पॉइंट होंगे । यात्रा के बाद सरयू आरती होगी , जिसमें प्रत्येक यात्री सक्रिय रूप से भाग ले सकेगा ।
अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है , जैसा महान भारतीय महाकाव्य रामायण में वर्णित है । यह हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों ( मोक्षदायिनी सप्त पुरी ) में से पहला है । यूपी पर्यटन के आंकड़ों के अनुसार , वर्ष 2019 में लगभग 2 करोड़ पर्यटक अयोध्या आये थे । राम मंदिर के निर्माण के के बाद , अनुमान है कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी । ‘ रामायण क्रूज टूर ‘ न केवल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगा , बल्कि यह क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा । पत्तन , पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय क्रूज सेवा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक अवसंरचना सहायता प्रदान करेगा ।
